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चार साल बाद भी नहीं बना पंचायत सचिवालय
भेलवाघाटी : देवरी प्रखंड अंतर्गत भेलवाघाटी पंचायत सचिवालय चार वर्षों से अधूरा है. ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत चुनाव के बाद उक्त भवन का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. चार साल बीतने के बाद भी भवन अधूरा पड़ा है. बिहार-झारखंड की सीमा पर बसा यह पंचायत प्रखंड का सबसे पिछड़ा पंचायत है. कई गांवों […]
भेलवाघाटी : देवरी प्रखंड अंतर्गत भेलवाघाटी पंचायत सचिवालय चार वर्षों से अधूरा है. ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत चुनाव के बाद उक्त भवन का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. चार साल बीतने के बाद भी भवन अधूरा पड़ा है. बिहार-झारखंड की सीमा पर बसा यह पंचायत प्रखंड का सबसे पिछड़ा पंचायत है.
कई गांवों में आज भी कच्ची सड़कें तक नहीं हैं. मुखिया उस्मान मियां ने बताया कि पंचायत सचिवालय नहीं रहने के कारण पंचायत के जनप्रतिनिधि, ग्रामीण एवं पंचायत के कर्मचारियों को इधर-उधर बैठना पड़ता है. इससे जनता का काम समय पर नहीं हो पाता है. सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष कुमार ने बताया कि पंचायत सचिवालय नहीं रहने से पंचायत का कार्य प्रखंड मुख्यालय में करवाने के लिए बीस किलो मीटर की दूरी तय कर जाना पड़ता है.
बार-बार प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाने में खासकर बुजुर्ग व महिलाओं को काफी परेशानी होती है. किसान सितो हाजरा ने बताया कि रसीद एवं दाखिल खारिज करवाने के लिए अंचल कार्यालय देवरी जाना पड़ता है. पंचायत सचिवालय होने के बाद लोगों को यह सुविधा अपने गांव में मिलती. छात्र सितुल मरांडी ने बताया कि पंचायत सचिवालय नहीं रहने के कारण पंचायत का प्रज्ञा केंद्र जहां-तहां चलाया जा रहा है. छात्रों को जाति व आवासीय प्रमाण पत्र बनाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.
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