तस्वीर: 01 प्रवचन करते कथा वाचक, 02 श्रद्धालुओं की भीड़नगर प्रतिनिधि, गोड्डाशहर के मेला मैदान में संतमत सत्संग का तीन दिवसीय आयोजन शनिवार से शुरू हो गया. महर्षि मेंही कुप्पाघाट से पधारे संतमत के विद्वान महात्मा डॉ स्वामी विवेकानंद जी महाराज ने कहा कि ईश्वर का साक्षात्कार करने के लिए पहले सतसंग, फिर मानस योग, दृष्टियोग व सूरत शब्द योग करना होगा. कबीर साहब ने कहा है कि संतों की संगति से जीव का परम कल्याण होता है. लोगों को प्रतिदिन सत्संग करना चाहिए. सत्संग में जाने से सार भक्ति का निर्णय होता है. उन्होंने ध्यान पर प्रकाश डाल कर कहा कि ध्यान से पहले साधक को आसन दृढ़ कर लेना चाहिए. मानस जप व मानस ध्यान स्थूल रूप उपासना है. इन दोनों ध्यान से साधक में सूक्ष्म रूप उपासना अर्थात दृष्टि योग्य साधन करने की शक्ति हो जाती है. इस साधन से आपके अंदर में वैराग्य हो जाता है. इस दौरान स्वामी बासुदेव बाबा, आनंद स्वामी बाबा, स्वामी अनिलानंद के अलावे सत्संग प्रचारक धनेश्वर पंडित ने भी प्रवचन में सत्संग पर विशेष रूप से प्रकाश डाला. वहीं बिहार के सहरसा जिला से आये सत्संग के प्रसिद्ध गायक कृष्णदेव दास द्वारा एक से बढ़ कर एक भजन प्रस्तुत किया. तबले पर संगत प्रो शिवनंदन द्वारा दिया. मंच का संचालन ओमप्रकाश मंडल द्वारा किया गया. मौके पर समिति के रामानंद गुप्त, रामकृष्ण मंडल, अरविंद यादव, छोटू, बिट्टू, पीयूष,पवन, राजकु मार, शत्रुघन मांझी, जगदीश पंजियारा, विनोद यादव, अर्जुन मंडल, ओमप्रकाश पंडित आदि मौजूद थे.
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ओके…तीन दिवसीय संतमत सत्संग शुरू
तस्वीर: 01 प्रवचन करते कथा वाचक, 02 श्रद्धालुओं की भीड़नगर प्रतिनिधि, गोड्डाशहर के मेला मैदान में संतमत सत्संग का तीन दिवसीय आयोजन शनिवार से शुरू हो गया. महर्षि मेंही कुप्पाघाट से पधारे संतमत के विद्वान महात्मा डॉ स्वामी विवेकानंद जी महाराज ने कहा कि ईश्वर का साक्षात्कार करने के लिए पहले सतसंग, फिर मानस योग, […]
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