नौकरी के झांसे में दलालों के चंगुल में फंसी
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सुंदरपहाड़ी की करीब 10 गांव की पांच दर्जन लड़कियां परदेश में
नौकरी के झांसे में दलालों के चंगुल में फंसी गोड्डा : गोड्डा के बोआरीजोर के राजाभीट्ठा क्षेत्र की तरह सुंदरपहाड़ी प्रखंड का भी हाल है. क्षेत्र से करीब पांच दर्जन लड़कियां बाहर परदेसों में यातना की शिकार हो रही हैं. इस बात का सहज अंदाज गत दिनों दिल्ली पुलिस व रेसक्यू टीम की पहल पर […]
गोड्डा : गोड्डा के बोआरीजोर के राजाभीट्ठा क्षेत्र की तरह सुंदरपहाड़ी प्रखंड का भी हाल है. क्षेत्र से करीब पांच दर्जन लड़कियां बाहर परदेसों में यातना की शिकार हो रही हैं. इस बात का सहज अंदाज गत दिनों दिल्ली पुलिस व रेसक्यू टीम की पहल पर बरामद की गयी नाबालिग के बयान से ही पता चल रहा है. हालांकि मानव तस्करी मामले पर एक सर्वे के रिपोर्ट के अनुसार सुंदरपहाड़ी का जिले में पहला स्थान है. पांच पंचायत की नबालिग व बालिग लड़कियां दलाल के बातों में फंस कर कई वर्ष पूर्व गयी जो आज तक वापस नहीं आयी हैं.
किस-किस गांव से गयी हैं लड़कियां
तिलाबाद पंचायत के तेतरिया गांव की दो नाबालिग लड़की नौकरी की लालच में बड़े शहर भेजी गयी हैं. करीब डेढ़ वर्ष से लगातार परिजन उसकी राह देख रहे है. टेसोबथान गांव की तीन लड़कियां करीब दो वर्षों से महानगरों में हैं, कहा है इस बात की खोज खबर अब तक नहीं हो पायी है. कालाझोर गांव से तीन पहाड़िया लड़की जिनकी उम्र चौदह से सोलह के बीच है दलाल ने दिल्ली ले जाकर बेचा है. तिलाबाद मान टोला की तीन लड़की बाहर गयी थी जिसमें से एक लड़की वापस आयी, अन्य लड़कियां आज किस हालत में और कहां है परिजन इस बात से अनभिज्ञ हैं.
सुंदरपहाड़ी व साहिबगंज के दलाल के माध्यम से गयी है महानगरों में
ऐसे लगभग सभी गांव से भेजी गयी नाबालिग व बालिक लड़कियों को स्थानीय प्रखंड के दलाल को साहिबगंज व बोरियों के दलाल कांटेक्ट पर पहले तीन पहाड़ के रास्ते दिल्ली ले गये उसके बाद पता नहीं कहां बेच आया. इस कार्य में प्रखंड की कई महिलाएं भी दलाल के रूप में सक्रिय भूमिका में हैं.
पूर्व मुखिया ने की है कई बार पहल
तिलाबाद पंचायत के पूर्व मुखिया सेबेस्टीयन हांसदा मामले को लेकर कई बार लड़कियों को वापस लाने का प्रयास किया. इसमें से पहाड़पुर गांव की पहाड़िया लड़की को वापस भी लाया गया. कार्य में पुलिस का सहयोग रहा. श्री हांसदा ने बताया कि क्षेत्र में लड़कियों को बाहर ले जाने का कार्य लगातार हो रहा है सरकार की पहल आवश्यक है.
जनप्रतिनिधियों ने भी नहीं की चिंता
क्षेत्र के विधायक व सांसद दोनों ही आदिवासी होने के बावजूद अब तक इस दिशा में प्रयास नकारात्मक रहा है. क्षेत्र में इस बात की लगातार चर्चा भी हो रही है. खासकर सांसद राजमहल का पूरा का पूरा क्षेत्र जिसमें सर्वाधिक लड़कियां बाहर महानगरों में हैं. सांसद के नाते सरकार को इस बात की सूचना देनी चाहिए मगर ऐसा नहीं होने से लड़कियां आज भी बंधक हैं.
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