गोड्डा: सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में शुक्रवार को डायरिया व निमोनिया की रोकथाम को लेकर यूनिसेफ की ओर से एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में यूनिसेफ ने स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, आइसीडीएस विभाग व पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पदाधिकारी का को-ऑर्डिनेशन करा कर समस्या से अवगत कराते हुए समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी. इसके पूर्व कार्यशाला का उद्घाटन प्रभारी सीएस डॉ बनदेवी झा, डीआरएसएचओ डॉ अनंत कुमार झा, यूनिसेफ के क्षेत्रीय समन्वयक अजय कुमार शर्मा व जिला को-ऑर्डिनेटर धनंजय त्रिवेदी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.
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रोगियों की बढ़ती संख्या पर जतायी चिंता
गोड्डा: सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में शुक्रवार को डायरिया व निमोनिया की रोकथाम को लेकर यूनिसेफ की ओर से एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में यूनिसेफ ने स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, आइसीडीएस विभाग व पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पदाधिकारी का को-ऑर्डिनेशन करा कर समस्या से अवगत कराते हुए समाधान की दिशा […]
सभी स्वास्थ्य केंद्रों में चापाकल आवश्यक: कार्यशाला में बताया गया कि सरकार की ओर से निर्देश है कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पीएचइडी विभाग द्वारा चापाकल लगाया जाना आवश्यक है. इसके लिए विभाग से आये पदाधिकारी गोरांग कुमार को निर्देश दिया गया.
39 प्रतिशत मौत भारत में होती
संबोधन में प्रभारी सीएस डॉ झा ने कहा कि विश्व में डायरिया मलेरिया एवं निमोनिया से जितने शिशु की मौत होती है उसमें 39 प्रतिशत भारत में होती है. जो बड़े ही चिंता का विषय है. अगर समय रहते स्वच्छ पानी, स्वच्छ हवा, स्वच्छ खानपान तथा स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था हो तो नवजात शिशु एवं शिशु मृत्यु दर को बहुत कम किया जा सकता है.
निमोनिया डायरिया के कार्य योजना बनाये जाने पर बल
बतौर प्रशिक्षक अजय कुमार शर्मा ने कार्यशाला में मौजूद एमओआइसी सहित स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से अलग-अलग ग्रुप में बांट कर आवश्यक जानकारी दी है. मौके पर डीपीएम प्रदीप कुमार सिन्हा, डॉ निर्मला बेसरा, डॉ रामदेव पासवान, डॉ पूनम रानी, डॉ जेसी निरंजन आदि उपस्थित थे.
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