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शिक्षा, सड़क व किसान बदहाल

गोड्डा : स्थानीय किसान भवन में प्रभात खबर की ओर से विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. ‘गोड्डा का विकास कैसे हो’ विषय पर शहर के शिक्षाविद, समाजसेवी, कारोबारी व चेंबर आॅफ काॅमर्स के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार रखे. लगभग दो घंटे तक हुई गोष्ठी में लोगों ने जिले के शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली व किसानों […]

गोड्डा : स्थानीय किसान भवन में प्रभात खबर की ओर से विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. ‘गोड्डा का विकास कैसे हो’ विषय पर शहर के शिक्षाविद, समाजसेवी, कारोबारी व चेंबर आॅफ काॅमर्स के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार रखे. लगभग दो घंटे तक हुई गोष्ठी में लोगों ने जिले के शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली व किसानों की बदतर हो रही स्थिति को सुधारने की जरूरत बतायी.
कहा कि सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का भी किसानी से मोह भंग होते जा रहा है. वहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर करने की बात कही. इस दौरान प्रभात खबर के संपादक जीवेश रंजन सिंह ने जिले की समस्याअों के समाधान में हरकदम पर साथ देने की बात कही. मौके पर प्रभात खबर के बिजनेस हेड बादल गोरांइ भी मौजूद थे.
इलेक्ट्रॉनिक की पढ़ाई पांचवीं से हो : सिन्हा गप्पू सिन्हा ने कहा कि दुनिया बदल रही है. अब पांचवीं कक्षा से ही बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक्स की जानकारी विद्यालयों में देनी चाहिए. इससे बच्चों में आवश्यक जागृति आयेगी.
अस्पताल खुद बीमार : प्रो दुबे
प्रो मनीष दुबे ने कहा कि गोड्डा में सबसे बुरी स्थिति स्वास्थ्य व्यवस्था की है. सदर अस्पताल में बीमार लोगों के लिए बाथरूम तक की सुविधा नहीं. उसमें ताला लगा रहता है. साफ-सफाई भी ठीक नहीं.
आवश्यक पहल की जरूरत है. चिकित्सकों की भी कमी है.
जीएसटी की जानकारी मिले : आलमव्यवसायी महताब आलम ने कहा कि आज सरकारी योजनाओं की जानकारी के साथ उसका सही लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. व्यवसायी से लेकर आम जन तक जीएसटी के कारण परेशान है. इस पर आवश्यक जानकारी दी जानी चाहिए.
अतिक्रमण हटे : प्रो रंजन
प्रो रंजन कुमार ने कहा कि गोड्डा में दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण सड़क का अतिक्रमण है. दो दिन पहले दो बच्चे की मौत का जिम्मेवार कौन है. इस दिशा में आवश्यक पहल की जरूरत है. अब सड़क पर निकलने से डर लगता है.
अब शिक्षक नहीं हैं : सिंह
प्रो विवेकानंद सिंह, सचिव, कॉलेज शिक्षक संघ ने कहा कि सरकार कहती है कि विकास हो रहा है. मगर सच्चाई है कि पहले जिस सड़क से यात्रा करते थे, अब उसे बदल रहे हैं. कारण आवागमन की व्यवस्था खराब हो गयी है. काॅलेजों में शिक्षक की कमी है. गोड्डा काॅलेज में ही तीन विभाग प्रोफेसर रहित हो गये हैं. कुछ विभागों में छात्रों की संख्या होने के बावजूद प्रोफेसर कम हैं. बहाली भी नहीं हो रही है. राज्य में शिक्षा की स्थिति बदतर है.
सरकारी स्कूलों में पढ़ें अफसर के बच्चे : प्रो सिंह
प्रो बीपी सिंह ने कहा कि आज गोड्डा में भी पढ़ाई की व्यवस्था है, पर बच्चे बाहर जा रहे. अभिभावक भी उन्हें बाहर भेज दे रहे. इससे संस्कार के साथ-साथ अन्य समस्याएं सामने आ रही हैं. कारण यह है कि यहां के सरकारी संस्थानों के लिए नियम बनानेवाले ही गड़बड़ कर रहें. नतीजा स्थिति खराब है. सुधार तभी होगा जब सभी अधिकारी के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में ही पढ़ें.
आज किसान बदहाल : प्रो तिवारी
गोड्डा कॉलेज के प्रो बीएन तिवारी ने कहा कि सबसे ज्यादा लचर स्थिति किसानों की है. एक पान व चाय वाले से ज्यादा खराब स्थिति में किसान जी रहे हैं. शिक्षा की बात ऐसे परिवार के लिए सोचना भी गलत है. स्वास्थ्य व्यवस्था भी ठीक नहीं. सिंचाई की सुविधा का अभाव है. मनरेगा में भ्रष्टाचार काबिज है. गांव में आज भी झोला छाप के सहारे बीमार लोगों को रहना पड़ रहा है.
शहर की दिक्कतें दूर हों तभी विकास: प्रीतम
चेंबर के उपाध्यक्ष प्रीतम गाड़िया ने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी दुकानदारों को हो रही है. शहर की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. खासकर बिजली की समस्या तो धरी की धरी रह जाती है. इस पर आवश्यक पहल करने की जरूरत है.
बिजली संकट दूर हो : महेश
चेंबर के उपाध्यक्ष महेश बजाज ने कहा कि गोड्डा के लोग बिजली की परेशानी से लगातार जूझ रहे हैं. हर दिन तार कटने व बिजली के भाग जाने की समस्या से परेशान है.
क्यों नहीं मिले जॉब : दिवाकर
दिवाकर कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से किसी भी नियुक्ति के लिये बहाली नहीं निकाली जाती है. मगर बाद में पता चलता है कि सरकार उसे रद्द कर देती है. सरकार अब तक युुवाओं को जाॅब दे पाने में सक्षम नहीं हो पा रही है.
समस्या दूर हो : पवन
व्यवसायी पवन कुमार ने कहा कि सरकार को जिले में कई मुख्य परेशानियों, समुचित सफाई , पेयजल, अन्य सुविधाओं के लिये प्रयास करना चाहिए. स्वच्छता अभियान का असर शहर में दिखाई नहीं देता है.

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