भक्तों ने डलिया में भरकर लड्डू, फल व फूल चढ़ाये
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भेड़ा गांव में धूमधाम से हुई नाग देवता की पूजा
भक्तों ने डलिया में भरकर लड्डू, फल व फूल चढ़ाये मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया भोग गोड्डा : सदर प्रखंड के भेड़ा गांव में नाग देवता की पूजा धूमधाम से की गयी. मंदिर परिसर में लोगों पूजा- अर्चना की. आर्द्रा में ही पूजा अर्चना की जाती है. पूजा को लेकर मंदिर परिसर […]
मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया भोग
गोड्डा : सदर प्रखंड के भेड़ा गांव में नाग देवता की पूजा धूमधाम से की गयी. मंदिर परिसर में लोगों पूजा- अर्चना की. आर्द्रा में ही पूजा अर्चना की जाती है. पूजा को लेकर मंदिर परिसर में हजारों की भीड़ जुटी रही. पूजा को लेकर सुबह से ही तैयारी की गयी थी. भेड़ा मंदिर में हर साल मालिक बाबा व नाग बाबा की पूजा की जाती है. पूजा के बाद बकरे की बलि दिये जाने की परंपरा है. डलिया में भरकर लड्डू, फल- फुल आदि नाग बाबा व मालिक बाबा को चढ़ाये जाने की परंपरा है. भेड़ा सहित हरिपुर, शामपुर,गोड्डा आदि गांव से लोग मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं.
100 से ऊपर दी गयी बकरे की बलि : मंदिर के पुजारी जय बाबा ने बताया कि पूजा सौ वर्षों से ऊपर से हो रही है. विधि- विधान से पूजा किये जाने के बाद ही मंदिर परिसर में बकरे की बलि दी जाती है. सरकारी बलि दिये जाने के बाद ही आये लोगों के बकरे की बलि दी गयी. लोगों ने बाद में बाबा की ओर से दिये गये प्रसाद को ग्रहण किया.
मुखिया सहित पंचायत प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा : पूजा कार्यक्रम में मुखिया सुनील मांझी सहित पंचायत प्रतिनिधियों ने भी बढ़- चढ़ कर हिस्सा लिया. पूजा को सफल बनाने में लगे रहे. पूजा को लेकर मंदिर परिसर को एक दिन पूर्व ही साफ- सुथरा कर दिया गया था. महिलाओं ने नाग बाबा व मालिक बाबा से मन्नतें मांगी. इस मौके पर पूजा समिति के मिथलेश यादव, दशरथ यादव, सरगुण यादव बाबूलाल यादव, गुरुदेव बहम आदि थे.
नाग मंदिर में कुंवारी कन्याओं व ब्राह्मणों को कराया भोजन गया भोज : वहीं कन्हवारा नाग मंदिर में भी पूजा के समापन के एक दिन पहले नाग देवता की पूजा- अर्चना किये जाने के बाद सैकड़ों कुंवारी कन्याओं व ब्राह्मणों को केले के पत्ते पर भोजन कराया गया. मंदिर के पुजारी अशोक मांझी द्वारा पूजा- अर्चना के बाद सामूहिक भोज का आयोजन किया गया. मंदिर परिसर में तीन क्विंटल चावल की खीर तैयार की गयी, जिसे लोगों में प्रसाद के तौर पर वितरण किया गया. मंदिर के पुजारी श्री मांझी ने बताया कि पूजा का समापन आज होगा. हजारों की संख्या में लोग पूजा करने पहुंचेंगे. यहां भी नाग देवता को डलिया को चढ़ाये जाने की परंपरा है. डलिया चढ़ये जाने की परंपरा सैकड़ों वर्ष पुरानी है.
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