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रोटी की जुगाड़ में जान से खिलवाड़
जिला के तिसरी-गावां में गरीब मजदूर रोटी की खातिर मौत के मुंह में जाने को विवश हैं. अवैध खदान हादसों के बावजूद लोग यहां जाते हैं. इलाके में माइका के अलावा कीमती पत्थरों का भी अवैध खनन किया जाता है. गिरिडीह. तिसरी प्रखंड के लोकाय-नयनपुर थाना इलाके स्थित सरढेकिया में सोमवार को अवैध खदान में […]
जिला के तिसरी-गावां में गरीब मजदूर रोटी की खातिर मौत के मुंह में जाने को विवश हैं. अवैध खदान हादसों के बावजूद लोग यहां जाते हैं. इलाके में माइका के अलावा कीमती पत्थरों का भी अवैध खनन किया जाता है.
गिरिडीह. तिसरी प्रखंड के लोकाय-नयनपुर थाना इलाके स्थित सरढेकिया में सोमवार को अवैध खदान में चाल धंसने से ससुर-दामाद समेत चार की मौत से कोहराम मचा हुआ है. इस घटना से पहले भी तिसरी-गावां में दर्जनों लोगों की मौत अवैध खदानों में दबने से हो चुकी है. स्थिति यह है कि कुछ घटनाएं तो उजागर हो जाती हैं, लेकिन कई घटनाओं की जानकारी तक लोगों को नहीं मिल पाती है.
पहले भी होती रही हैं घटनाएं
इसी वर्ष के 26 मार्च को गावां थाना इलाके के नीमाडीह बेलाखूंटा गांव के पास पहाड़ी में अवैध माइका खदान का चाल धंसने से तीन लोगों की मौत हो गयी थी. इसके पूर्व भी वर्ष 2013 में भुजवा माइंस में एक नाबालिग लड़की समेत चार लोगों की मौत हो गयी थी. वर्ष 2014 में जमडार पंचायत के सुरंगी माइंस में माइका खदान की चाल धंसने से दो नबालिग बच्चों की जान चली गयी थी,जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी थी. वर्ष 2016 में नीमाडीह पंचायत के हरलाधाटी के पास एक माइंस में तीन लोगों की मौत हो गयी थी. गावां के अलावा तिसरी प्रखंड में भी इस तरह की कई घटनाएं घट चुकी हैं.
बताया जाता है कि किसी भी घटना के बाद कुछ दिनों के लिये माइका का अवैध खनन बंद होता है लेकिन मामला शांत होने के बाद पुन: अवैध खनन शुरू हो जाता है.
प्रलोभन से नहीं मानी तो दी धमकी : फूलमती ने बताया कि घटना के बाद वह मामले की जानकारी देने पुलिस के कैंप में जा रही थी. इस बीच रास्ते में ही जेसीबी का चालक पहुंचा और मामले को रफा-दफा करने का प्रस्ताव दिया. जब उसने कहा कि वह इस मामले पर चुप नहीं रहेगी तो उसे धमकाया भी गया. कहा गया कि पुलिस आयेगी तो पोस्टमार्टम होगा. इसके आगे कुछ नहीं होगा उल्टा केस में फंस जाओगी. इस दौरान उसे10 हजार रुपये भी दिये गये. इसके बाद भी वह पुलिस के पास गयी, लेकिन पुलिस सोमवार की दोपहर लगभग चार बजे पहुंची.
सूचना मिलते ही गांव में मची अफरातफरी
घटना से गांव के कई घरों में चूल्हा नहीं जला. बताया गया कि अवैध पत्थर खदान के साथ सटे माइका की अवैध खदान में डूब्बा व रंगमटिया के पांच दर्जन से भी अधिक लोग काम करते हैं. सोमवार को भी इन दोनों गांव के कई लोग खदान में गये थे. खदान में धंसान की खबर जैसे ही गांव में फैली तो डूबा गांव में अफरातफरी मच गयी. गांव के लोग जिस हालत में थे उसी हालत में खदान के पास पहुंचे और अपने-अपने परिजनों की कुशलता पूछने लगे. मृतका रूपा कुमारी के नाना मैनेजर सिंह बताते हैं कि उसे अपनी नतनी को खोजने में काफी मशक्कत करनी पड़ी और जब रूपा मिली तो वह मर चुकी थी.
माइका के साथ होती है कीमती पत्थर की भी तस्करी
सूत्रों के अनुसार डुब्बा, असुरहड्डी और रंगमटिया के जंगलों में बेशकीमती पत्थर पाये जाते हैं और इन इलाकों से भारी पैमाने पर कीमती पत्थरों का अवैध रूप से उत्खनन कर बाहर कई प्रदेशों में तस्करी की जाती है. यह धंधा यहां पिछले कई वर्षों से चल रहा है, जिसमें कोडरमा का एक बड़ा पत्थर तस्कर यहां के गरीब मजदूरों को लालच देकर काम करवाता है और वे मौत के मुंह में जाने को विवश होते हैं. पत्थर उत्खनन के दौरान भी यहां कई लोगों की जान गयी है, जिसकी लाश पत्थर माफिया बरामद तक होने तक नहीं देते और मामले को रफा-दफा कर देते हैं. इस बार भी यंहा ढीबरा के साथ बेसकीमती पत्थर का ही ज्यादा उत्खनन किया जा रहा था जिससे यह घटना घटी.
दो घंटे के बाद एक साथ निकला ससुर-दामाद का शव
फूलमती ने बताया कि घटना के बाद जेसीबीथ व ट्रैक्टर को लेकर खदान के सुपरवाइजर, ड्राइवर व अन्य मजदूर भाग निकले. लक्ष्मी व रूपा के शव को भी निकाल कर उनके परिजन ले गये, लेकिन उनके पिता व पति का शव पत्थरों में ही दबा रहा. बाद में मामले पर शोर होने पर पूर्व मुखिया समेत कई लोग पहुंचे. घटना के दो घंटे के बाद किसी तरह से शव निकाला गया.
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