गिरिडीह : जिले में करीब छह करोड़ की विकास योजनाएं आचार संहिता की भेंट चढ़ गयी है. प्रमुख रूप से मनरेगा योजना के तहत ग्राम सभा से चयनित कूप, सड़क, तालाब निर्माण, जमीन समतलीकरण की नयी योजनाएं प्रभावित हो गयी है. इसी प्रकार नगर पर्षद में करीब दो करोड़ की नाली व गली की नयी योजनाएं आचार संहिता की भेंट चढ़ गयी.
मिली जानकारी के अनुसार नगर पर्षद में करीब दो करोड़ की योजनाओं को लेकर निविदा खोली जानी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव की दस्तक ने विकास कार्यो को फाइलों में समेट कर रखने को मजबूर कर दिया है. इसी प्रकार जिले के 358 पंचायतों से चयनित मनरेगा योजना के तहत चार करोड़ की योजनाएं प्रशासनिक स्वीकृति नहीं हो पाने के कारण क्रियान्वित नहीं हो सकेगी. हालांकि मनरेगा से जुड़े प्रशासनिक अधिकारी इस विषय पर कुछ बोलना नहीं चाह रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि अब आचार संहिता की समाप्ति होने के बाद भी मनरेगा में नयी योजनाएं ली जा सकेगी.
ज्ञातव्य रहे कि ग्राम सभा में चयनित होने के बाद मनरेगा से जुड़ी योजनाएं की प्रशासनिक स्वीकृति के लिए जिला स्तर पर भेजा जाता है. आचार संहिता लागू होने से पूर्व डीआरडीए से करीब 8500 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति पूर्व में ही दी जा चुकी थी. लेकिन बाद में प्रखंडों से चयनित होकर आयी नयी योजनाएं आचार संहिता की भेंट चढ़ गयी. इधर नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी श्रवण कुमार का कहना है कि दो करोड़ की योजना का क्रियान्वयन चुनाव के बाद ही शुरू किया जायेगा.