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निलंबित क्लर्क त्रिपुरारी सिंह फरार

गिरिडीह : एएनएम स्कूल का निलंबित क्लर्क त्रिपुरारी सिंह फरार हो गया है. त्रिपुरारी सिंह एएनएम स्कूल में व्याप्त अराजकता और यौन उत्पीड़न में सिविल सजर्न को मदद करने का आरोपी है. इसी आरोप में उपायुक्त ने त्रिपुरारी को निलंबित कर दिया है. निलंबित होने के बाद से वह फरार है. एएनएम स्कूल की कई […]

गिरिडीह : एएनएम स्कूल का निलंबित क्लर्क त्रिपुरारी सिंह फरार हो गया है. त्रिपुरारी सिंह एएनएम स्कूल में व्याप्त अराजकता और यौन उत्पीड़न में सिविल सजर्न को मदद करने का आरोपी है. इसी आरोप में उपायुक्त ने त्रिपुरारी को निलंबित कर दिया है.

निलंबित होने के बाद से वह फरार है. एएनएम स्कूल की कई शिकायतें मिलने के बाद सोमवार को उपायुक्त डीपी लकड़ा ने क्लर्क त्रिपुरारी सिंह के कार्यालय का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान कार्यालय तो खुला हुआ था, पर वहां कोई मौजूद नहीं था. कार्यालय के दो अलमीरा में पड़े कागजात को उपायुक्त के निर्देश के बाद जब्त कर लिया गया है. बताया जाता है कि एएनएम स्कूल में दाखिला को लेकर कई तरह की गड़बड़ियां की जाती थी.

साक्षात्कार के बाद आवेदकों की प्रतीक्षा सूची बनायी जाती थी और इसके बाद नामांकन में लेन-देन का खेल कर एएनएम की ट्रेनिंग के लिए दाखिला लिया जाता था. उपायुक्त को इस मामले को लेकर कई शिकायतें मिली थी. बताया जाता है कि स्कूल के रोकड़ में भी कई तरह की गड़बड़ियां की गयी है. रोकड़पंजी में अनियमितता की सूचना पर श्री लकड़ा ने रोकड़पंजी जांच के लिए भी एक कमेटी गठित कर दी है.

इस कमेटी में जिला नजारत शाखा के प्रधान सहायक कामेश्वर प्रसाद सिंह, जिला गोपनीय शाखा के प्रधान सहायक विजय राम और जिला योजना कार्यालय के सहायक किशोर कुमार सिन्हा को रखा गया है. साथ ही गिरिडीह के प्रभारी सिविल सजर्न को निर्देश दिया है कि जांच टीम को संबंधित रोकड़पंजी एवं कागजातों को उपलब्ध कराते हुए जांच में सहयोग देना सुनिश्चित करेंगे.

बताया जाता है कि यौन प्रताड़ना के आरोपी सिविल सजर्न डॉ चंद्रप्रकाश विभाकर के विरुद्ध कार्रवाई करने के बाद गिरिडीह के डीसी डीपी लकड़ा ने स्वास्थ्य विभाग के प्रति तेवर और कड़े कर दिये हैं. सोमवार को एएनएम स्कूल के क्लर्क त्रिपुरारी सिंह के कार्यालय का औचक निरीक्षण किया है. वहीं सदर अस्पताल में पदस्थापित कर्मचारियों की सूची भी मंगायी जा रही है. बताया जाता है कि कर्मियों के स्थानांतरण पदस्थापन को लेकर भी उपायुक्त गंभीर हैं.

उपायुक्त को अस्पताल में अव्यवस्था को लेकर कई शिकायतें मिली है. साथ ही कई लोगों ने उपायुक्त से अनुरोध किया है कि अस्पताल में जब तक लंबे समय से पदस्थापित कर्मियों को हटाया नहीं जायेगा, तब तक अस्पताल की व्यवस्था को दुरुस्त करना आसान नहीं है.

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