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देवर ने साजिश रच की थी भाभी की हत्या
जमीन अधिग्रहण के बदले मिली मुआवजा राशि हड़पने तथा पुरानी रंजिश में साजिश रचकर देवर ने अपनी ही भाभी की हत्या कर दी. हत्या को दुर्घटना का शक्ल देने का प्रयास भी किया, लेकिन पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर लिया. सरिया/हजारीबाग रोड/गिरिडीह. कासियाडीह निवासी 42 वर्षीया टेकनी देवी (पति टेकलाल पंडित) की हत्या […]
जमीन अधिग्रहण के बदले मिली मुआवजा राशि हड़पने तथा पुरानी रंजिश में साजिश रचकर देवर ने अपनी ही भाभी की हत्या कर दी. हत्या को दुर्घटना का शक्ल देने का प्रयास भी किया, लेकिन पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर लिया.
सरिया/हजारीबाग रोड/गिरिडीह. कासियाडीह निवासी 42 वर्षीया टेकनी देवी (पति टेकलाल पंडित) की हत्या उसके देवर ने ही की थी. गुमशुदगी रिपोर्ट मिलने के महज 24 घंटे के अंदर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पकड़े गये आरोपियों में मृतका का देवर होरिल पंडित, डुमरी के सुइयाडीह निवासी माजिद अंसारी, सलामत मियां, मिठू, धीरज पंडित शामिल हैं. यह जानकारी सरिया-बगोदर के एसडीपीओ दीपक कुमार शर्मा ने सोमवार को सरिया थाना में प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने इस दौरान हत्याकांड की पूरी कहानी बतायी.
झलकता है शातिरपना : पुराने विवाद में आरोपियों ने टेकनी देवी की हत्या बीते तीन सितंबर को कर दी थी. टेकनी का शव विष्णुगढ थाना इलाके के हजारीबाग मुख्य सड़क पर फेंका गया था.
शव फेंकने से पूर्व गाड़ी की रफ्तार तेज कर दी गयी थी. तेज रफ्तार में ही गाड़ी से टेकनी देवी का शव सड़क पर फेंका गया. इस कारण उसके सिर से खून भी बहा. जब विष्णुगढ़ पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो उसे यह दुर्घटना लगी. विष्णुगढ़ थाना में 279, 304 ए की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया.
पहले जीता भरोसा : मजीद ने पहले टेकनी का भरोसा जीता. मजीद एक माह पूर्व टेकनी के संपर्क में आया और उससे कहा कि वह उसे जमीन की मुआवजा राशि दिलवा देगा. मजीद को मोबाइल और फर्जी सिम धीरज पंडित ने मुहैया कराया था. इसी मोबाइल से तीन सितंबर को मजीद ने फोन कर टेकनी को सरिया के पेट्रोल पंप पर बुलाया. टेकनी को मजीद ने भरोसा दिलाया कि वह उसे आज ही मुआवजा की राशि दिला देगा.
झांसे में आकर टेकनी शाम में सरिया पहुंच गयी. यहां पहले से ही एक स्काॅर्पियो में बैठे मजीद और उसके ड्राइवर ने टेकनी को भी बैठा लिया और उसे लेकर बगोदर की और निकल गये. इधर बगोदर में पहले से ही एक बोलेरो पर होरिल, धीरज, सलामत और मिठ्ठू सवार थे. जैसे ही मजीद की स्काॅर्पियो बगोदर पहुंची, बोलेरो पर सवार चारों लोग स्काॅर्पियो में बैठ गये और टेकनी को लेकर विष्णुगढ की ओर निकल गये.
होरिल ने गमछा से घोंटा गला: एसडीपीओ श्री शर्मा ने बताया बगोदर से निकलते ही स्काॅर्पियो में बैठे-बैठे होरिल ने गमछा से टेकनी का गला घोंट दिया. इस दौरान धीरज और सलामत ने महिला का हाथ और पैर पकड़े थे. जब महिला ने दम तोड़ दिया तो इन सभी ने वाहन के चालक को गाड़ी की रफ्तार तेज करने को कहा. गाड़ी ने रफ्तार पकड़ी तो हजारीबाग के विष्णुगढ थाना इलाके के चलानिया जंगल में टेकनी को बीच सड़क पर फेंक दिया. श्री शर्मा ने बताया कि हत्याकांड के उदभेदन में सरिया थाना प्रभारी केएन सिंह ने विशेष भूमिका निभाई.
बांटी गयी सुपारी की राशि: घटना को अंजाम देने के बाद सुपारी की राशि बांटी गयी. इसके तहत मजीद को 68 हजार और 2 हजार स्काॅर्पियो के डीजल के लिए, धीरज को 15 हजार, सलामत को 10 हजार, बाकी रकम बबलू और मिठ्ठू को दी गयी.
1.15 लाख में दी थी सुपारी
एसडीपीओ श्री शर्मा ने बताया कि टेकनी देवी की हत्या की मंशा होरिल ने काफी पहले से पाल रखी थी. उसे सही समय का इंतजार था. उसे पता था कि टेकनी की हत्या होगी तो पहला शक उसी पर जायेगा. ऐसे में एक महीना पूर्व होरिल ने योजना बनायी और सुइयाडीह के मो माजिद अंसारी से संपर्क किया. माजिद को हत्या की सुपारी दी गयी. माजिद ने हत्या के लिए 1.50 लाख की मांग की लेकिन मामला 1.15 लाख में तय हुआ. मजीद ने इसके बाद गैंग बनाया, जिसमें पैसे की किल्लत झेल रहे धीरज, सलामत और मिठ्ठू को शामिल किया गया.
कड़ी सजा दिलायेंगे
सीडीपीओ दीपक शर्मा ने कहा कि साजिश रचकर की गयी इस हत्या में शामिल सभी अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने का प्रयास किया जायेगा. वैसे लोग जब भी घर से बाहर निकले तो अपने घरवालों को समय-समय पर यह जानकारी जरूर दें कि वे किसके साथ और कहां हैं.
पुत्र की शिकायत पर सक्रिय हुई पुलिस
एसडीपीओ श्री शर्मा ने बताया कि शनिवार की शाम मृतका के पुत्र ने सरिया थाना प्रभारी केएन सिंह से शिकायत की कि उसकी मां लापता है. थानेदार ने मामले की जानकारी उन्हें दी. सूचना के बाद टेकनी देवी के मोबाइल का लोकेशन पता किया गया तो वह विष्णुगढ़ थाना इलाके का मिला.
जब विष्णुगढ़ थाना से संपर्क साधा गया तो पता चला कि पिछले दिनों एक महिला की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है. इसके बाद शिनाख्त की कार्यवाही हुई. पुलिस ने महिला के मोबाइल का कॉल डिटेल्स निकाला. टेकनी विष्णुगढ़ कैसे पहुंची, इसकी जांच शुरू हुई तो पता चला कि टेकनी का संपर्क सुइयाडीह के माजिद से हुआ था. माजिद को पकड़ा गया और पूछताछ हुई तो पता चला कि टेकनी की हत्या की गयी थी.
2010 से ही ताक में था होरिल
एसडीपीओ ने बताया कि टेकनी की एक बेटी प्रीति कुमारी वर्ष 2010 में रहस्यमय ढंग से लापता हो गयी थी. इस मामले में टेकनी ने सरिया थाना में कांड संख्या 88/10 अंकित कराया था.
उसने अपने देवर होरिल पंडित समेत ससुराल के छह लोगों को नामजद किया था. कांड दर्ज होने के बाद से ही पुलिस होरिल व उसके घर के कई सदस्यों से पूछताछ कर रही थी. टेकनी ने नक्सलियों से भी संपर्क साधा था. इस पर ससुरालवालों को नक्सलियों ने पिटाई की थी. पिटाई-मुकदमा से होरिल काफी परेशान था. इसी बीच जमीन अधिग्रहण में सरकार ने टेकनी के ससुरालवालों को 32 लाख का मुआवजा दिया. मुआवजा की राशि में से 8 लाख का हिस्सा टेकनी को भी मिलना था, जिसको लेकर पंचायत हुई थी. होरिल मुआवजा की राशि भी हड़पना चाहता था.
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