– रिंकेश कुमार –
गिरिडीह : बीते दिनों केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश द्वारा झारखंड में अगले तीन सालों में चार मेडिकल कॉलेज खोलने कीघोषणा किये जाने के बाद गिरिडीह में भी मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग एक बार फिर से उठने लगी है.
हालांकि वर्षो पूर्व बिहार सरकार के समय तत्कालीन उपायुक्त केके पाठक द्वारा गिरिडीह में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए पहल की गयी थी. लेकिन झारखंड राज्य अलग होने के बाद मेडिकल कॉलेज खोलने की बात पूरी तरह से गौण हो गयी. एक बार फिर गिरिडीह के कुछ लोगों द्वारा विश्वविख्यात चिकित्सा शास्त्री व शिक्षाविद् सर नीलरतन सरकार की स्मृति में मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग की जा रही है.
मेडिकल कॉलेज को ध्यान में रखकर सदर अस्पताल का हुआ था निर्माण : वर्षो से मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहे अधिवक्ता भारत भानु चौधरी के अनुसार गिरिडीह, धनबाद व जमशेदपुर में मेडिकल कॉलेज खोलने के उद्देश्य से ही वर्ष 1956-58 में दो सौ शय्या विशिष्ट सदर अस्पताल योजना आयोग द्वारा बनवाया गया था. उस वक्त महान वैज्ञानिक सह सांख्यिकी विद् पीसी महालनोविस के दिशा निर्देश पर ही योजना आयोग के सारे कार्य संचालित होते थे.
बाद में जमशेदपुर में महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज व धनबाद में पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज खोला गया था. लेकिन उस वक्त भी सारी संरचना होने के बाद भी गिरिडीह को मेडिकल कॉलेज निर्माण से वंचित रखा गया था. हालांकि उस वक्त पीसी महालनोविश भी चाहते थे कि गिरिडीह के विश्वविख्यात चिकित्सा शास्त्री व शिक्षाविद् सर नील रतन सरकार के स्मरण स्मृति में गिरिडीह के विशाल सदर अस्पताल को सर नील रतन मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल बनाया जाये.
सरकार से की गयी है मांग : अधिवक्ता भारत भानु चौधरी ने बताया कि वह कई बार झारखंड सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन व भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को आवेदन देकर गिरिडीह में सर नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग कर चुके है.
कहा कि हाल में केंद्रीय मंत्री द्वारा झारखंड में चार मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा किये जाने के बाद एक बार फिर वह प्रशासनिक स्तर पर कॉलेज बनाने की मांग को जोर-शोर से उठायेंगे.