मलयेशिया में बंधक बने छह मजदूर बगोदर लौटेखुशी. परिवारवालों ने ली राहत की सांस, अभी भी बंधक हैं 31 मजदूर-एजी केबल मलयेशिया की टावर लाइन में थे कार्यरत -कंपनी के ठेकेदार ने मांगा 60 हजार रुपया-पैसा मिलने पर शेष मजदूरों का पासपोर्ट देने व वापस भेजने की बात कही -26 हजार तय कर मात्र नौ हजार रुपये देते थे पगार फोटो 30 बगोदर बंधक: मलेशिया से लौटे मजदूरबगोदर. मलयेशिया में बंधक बनाये गये बगोदर के मजदूरों में से छह शुक्रवार को अपने घर लौट आये. अब भी 35 मजदूर वहां बंधक बने हुए है़ं ये लोग 26 अक्तूबर को मलयेशिया से रवाना हुए थे. आज दोपहर बगोदर पहुंचे़ यहां सभी बगोदर मोटर कामगार यूनियन के कार्यालय में रुके. लौटे मजदूरों में चिचाकी के दिलचंद महतो, पिपराडीह के इदरीश अंसारी, खूटां के मुकेश कुमार महतो, खूटां के विजय महतो, गोविंदपुर के पोखन महतो व गोविंदपुर के श्याम सुंदर महतो शामिल है़ं यहां रुकने के बाद सभी अपने-अपने घर रवाना हो गये. ठेका कंपनी से मुक्त होकर स्वदेश लौटने की खुशी इन मजदूरों के चेहरे पर झलक रही थी़ साथ ही अपने वतन से दूर जाकर काम करना और दी गयी यातना का खौफ भी साफ देखने को मिला. इनके साथ वहां किस तरह का व्यवहार किया जाता था, खुल कर अपनी आपबीती सुनायी. जानवरों-सा होता था सुलूकअपना घर-परिवार छोड़ कर काम करने गये 38 मजदूरों में अब तक सात ही लौट पाये है़ं शेष 31 मजदूर अभी भी मलयेशिया की टावर लाइन की एक कंपनी में बंधक बने हुए है़ं मजदूरों ने बताया कि कंपनी ने काम करवा लिया, लेकिन पूरा वेतन दिये बगैर उन लोगों घर वापस भेज दिया. उनके साथ जानवरों-सा व्यवहार होता था. ठेकेदार काफी प्रताड़ित करता था. काम करवाने के लिए 60 किमी दूर पहुंचाया जाता था़ काम खत्म होने के बाद कैंप लौटने पर कंपनी खाना भी नहीं देती थी. कहा जाता था कि अपना खाना खाओ. वे लोग जैसे-तैसे दिन गुजार रहे थे. कंपनी का ठेकेदार 26 हजार रुपये महीना पगार देने की बात कह कर ले गया था, लेकिन वहां काम करने के बदले 9-10 हजार रुपये महीना देने की बात करने लगे़ जब सभी मजदूर काम नहीं करने तथा पासपोर्ट वापस देने की मांग करने लगे, तो बदसलूकी की गयी. पासपोर्ट वापस रख लिया गया तथा जबरन काम करवाया जाने लगा़ इसका विरोध मजदूरों ने किया तो गाली-गलौज भी जाती. उनके द्वारा बार-बार आंदोलन किये जाने पर उन छह मजदूरों को पासपोर्ट दिया गया़ शेष 35 मजदूर अब भी बंधक बना कर रखे गये हैं और जबरन काम लिया जा रहा है़ छोड़े जाने के बदले मांग रहे पैसाकंपनी द्वारा कहा जा रहा है कि शेष मजदूरों को वापस करने के बदले 60 हजार रुपये देने होंगे,तभी सब को छोड़ेंगे़ लौटे मजदूरों ने यह भी बताया कि वे लोग यहां से 24 अप्रैल को बगोदर से मलयेशिया के लिए रवाना हुए थे़ इन छह माह में चार माह का ही वेतन दिया गया़ दो माह का वेतन कंपनी ने रख लिया. बहरहाल जो मजदूर अपने वतन लौटे हैं, उनके घर व परिजन में खुशी का माहौल है़ लौटे सभी मजदूरों ने विधायक नागेंद्र महतो द्वारा की गयी पहल पर धन्यवाद प्रकट किया. साथ ही अब विदेश में जाकर काम नहीं करने की बात कही.
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मलयेशिया में बंधक बने छह मजदूर बगोदर लौटेखुशी. परिवारवालों ने ली राहत की सांस, अभी भी बंधक हैं 31 मजदूर-एजी केबल मलयेशिया की टावर लाइन में थे कार्यरत -कंपनी के ठेकेदार ने मांगा 60 हजार रुपया-पैसा मिलने पर शेष मजदूरों का पासपोर्ट देने व वापस भेजने की बात कही -26 हजार तय कर मात्र नौ […]
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