वायु व जल प्रदूषण ङोल रहे विभिन्न गांवों के ग्रामीणों की हुई जीत
गिरिडीह : झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के आलोक में गिरिडीह के महतोडीह में स्थित कार्बन रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड की अलकतरा फैक्टरी को बुधवार को सील कर दिया गया. झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव ने ज्ञापांक 3036 दिनांक 27.09.2013 को फैक्टरी सील करने का निर्देश जारी किया था.
विदित हो कि इस फैक्टरी से निकलने वाले विषैले गैस से कई गांव के लोग प्रभावित थे. वायु और जल प्रदूषण के कारण कई तरह की बीमारियों से लोग पीड़ित थे. इस मामले में पिछले दिनों विधानसभा की उप समिति ने भी फैक्टरी और प्रभावित इलाकों का दौरा किया था. गांवों से दूषित जल का सैंपल भी समिति अपने साथ ले गयी थी.
जेएमएम विधायक विष्णु भैया की अध्यक्षता वाली इस कमेटी से मिल कर ग्रामीणों ने पूरी स्थिति से अवगत कराया था. उसी दिन गिरिडीह परिसदन में हुई बैठक में झारखंड राज्य नियंत्रण परिषद के क्षेत्रीय पदाधिकारी ने अलकतरा फैक्टरी को बंद करने का आदेश भी जारी कर दिया था.
विभागीय सूत्रों की मानें तो क्षेत्रीय पदाधिकारी ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद को एक पत्र लिख कर उप समिति के आदेश का हवाला देते हुए बंदी आदेश निर्गत करने का अनुरोध किया था. इसी पत्र के आलोक में पिछले दिनों झारखंड प्रदूषण नियंत्रण समिति ने फैक्टरी को सील करने का आदेश जारी कर दिया.
इस आदेश के आलोक में उपायुक्त डीपी लकड़ा ने गिरिडीह के एसडीओ को 24 घंटे के अंदर फैक्टरी सील करने का आदेश जारी किया था. बुधवार को प्रात: ग्यारह बजे एसडीओ जुल्फीकार अली ने कार्बन रिसोर्सेज की अलकतरा फैक्टरी को सील कर दिया.
इधर, कार्बन रिसोर्सेज के प्रबंधक वीरेंद्र प्रसाद का कहना था कि झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश के आलोक में जो कमियां है, वह पूरी की जा रही है. 15-20 दिनों के अंदर काम पूरा हो जाने के बाद बोर्ड को सूचित कर दिया जायेगा.
ग्रामीणों ने ली राहत की सांस : अलकतरा फैक्टरी से फैल रहे प्रदूषण के खिलाफ महतोडीह समेत आसपास के लोगों ने एक लंबे समय से आंदोलन चला रखा था. महतोडीह, मोहनपुर, तुरुकडीह, महथाडीह, उदनाबाद, विश्वासडीह, भोरंडिहा, अजीडीह, टिकोडीह, पुरनानगर, झलकडीहा, जामबाद, चतरो समेत कई गांवों के लगभग 20 हजार की आबादी इस प्रदूषण की चपेट में थी.
फैक्टरी से निकलने वाले धुएं लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित तो करता ही था, दिनभर में एक बार निकलने वाले एक विशेष प्रकार के गैस से भी लोग काफी परेशान थे. इस विशेष गैस के छूटते ही प्रभावित इलाके के लोगों की आंखें जलने लगती थी और आंख में खुजलाहट शुरू हो जाती था.
महतोडीह गांव की मुखिया संजू देवी के पति रंजीत कुमार यादव कहते हैं कि लगभग 10-12 वर्षो से हमलोगों ने इस प्रदूषण के खिलाफ अभियान चला रखा था. कई बार फैक्टरी वालों के साथ हो–हंगामा भी हुआ. उन्होंने कहा कि इस फैक्टरी के सील हो जाने से गांव के लोगों ने अब राहत की सांस ली है. विदित हो कि पिछले दिनों इस मामले को प्रभात खबर ने भी गंभीरता से उठाया था.