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लुभाते हैं डुमरी के पिकनिक स्पॉट

डुमरी : डुमरी प्रखंड क्षेत्र को प्रकृति ने अपनी खूबसूरती से नवाजा है. नववर्ष के अवसर पर यहां के पिकनिक स्पॉट की चर्चा न हो ऐसा हो ही नहीं सकता. यहां के प्रमुख पिकनिक स्पॉट में वन विभाग का डाक बंगला, रंगरंगी पहाड़ी का झरना व डेलिया डैम आदि शामिल हैं. इन जगहों पर नये […]

डुमरी : डुमरी प्रखंड क्षेत्र को प्रकृति ने अपनी खूबसूरती से नवाजा है. नववर्ष के अवसर पर यहां के पिकनिक स्पॉट की चर्चा न हो ऐसा हो ही नहीं सकता. यहां के प्रमुख पिकनिक स्पॉट में वन विभाग का डाक बंगला, रंगरंगी पहाड़ी का झरना व डेलिया डैम आदि शामिल हैं. इन जगहों पर नये साल में पिकनिक मनाने के लिए आसपास के लोगों के साथ-साथ अन्य जिलों के लोग भी उमड़ पड़ते हैं. इन पिकनिक स्पॉट को प्रकृति ने खूब सजाया व संवारा है. अनायास ही लोग यहां खींचे चले आते है.

हालांकि डुमरी प्रखंड के पिकनिक स्पॉट को अभी तक विकसित नहीं किया गया. इन जगहों को विकसित किया जाता तो यहां के लोगों को रोजगार भी मिलता. स्थानीय लोग नव वर्ष के मौके पर पिकनिक मनाने के लिए जमुनिया नदी के किनारे भी जाते हैं. डुमरी प्रखंड के मधगोपाली का डेलिया डैम पिकनिक व पर्यटन की असीम संभावनाओं को समेटे हुए है. इस स्थल को पर्यटन स्थल के साथ पक्षी आश्रयणी के रूप में भी विकसित किया जा सकता है.
हालांकि प्रशासनिक पदाधिकारियों व जन-प्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण मनोरम प्राकृतिक दृश्यों वाले इस स्थल का विकास नहीं हो सका है. डुमरी प्रखंड के अधिकांश लोग भी इस मनोरम प्राकृतिक स्थल से अनजान है. प्रखंड मुख्यालय से करीब सात किमी की दूरी पर स्थित मधगोपाली गांव से दो किमी दूरी पर कुरवा और रंगरंगी पहाड़ी में कई प्राकृतिक जलस्रोत है. इन जल स्रोतों से सालों भर पानी निकलता है.
प्राकृतिक जलस्रोतों का सिंचाई के लिए उपयोग करने के उद्देश्य से लघु सिंचाई विभाग ने 1967-68 में डेलिया डैम का निर्माण कराया था. लेकिन डैम निर्माण के बाद विभाग की उपेक्षा के कारण यहां से सिंचाई शुरू नहीं हो सकी. इस क्षेत्र के जन-प्रतिनिधियों ने कभी भी डेलिया डैम के विकास के बारे में नहीं सोचा. नतीजतन यह डैम आज भी उपेक्षित है. दो पहाड़ों की तलहटी में कई हेक्टेयर जमीन में फैले इस डैम के तीन ओर घना जंगल है, जो इसकी सुंदरता में चार चांद लगाता है.
मनोरम व शांत वातावरण करता है आकर्षित : डैम के आसपास का मनोरम व शांत वातावरण मन को शांति प्रदान करता है. ठंड का मौसम शुरू होने के साथ ही डैम में साइबेरियन क्रेन व डक का आना शुरू हो जाता है. हाल के दिनों में प्रवासी पक्षियों का डैम में आना कम हो गया है. जानकार इसका कारण डैम की गहराई का कम होना व भोजन की कमी बताते हैं.
हालांकि कुछ लोगों द्वारा इन प्रवासी पक्षियों का शिकार करने को भी एक कारण माना जाता है. डैम में नौका विहार व मोटर वोट की व्यवस्था कर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है. डैम के समीप पार्क बना कर झूले की व्यवस्था की जा सकती है. इसके अलावा यहां के पानी से मधगोपाली समेत आसपास के दर्जनों गांव के हजारों एकड़ जमीन में सालों भर सिंचाई की व्यवस्था की जा सकती है.
वन विभाग का डाक बंगला प्रखंड सह अंचल कार्यालय के पीछे महज कुछ दूरी पर स्थित है. एक पहाड़ीनुमा टीले पर वर्षों पूर्व बने वन विभाग के डाक बंगला को भी आकर्षक पिकनिक स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है. इस डाक बंगला के तीन तरफ छोटी-छोटी पहाड़ियों के कारण यहां की प्राकृतिक सुंदरता बढ़ जाती है.
नववर्ष के मौके पर वर्षों से यह स्थल स्थानीय लोगों को आकर्षित करता रहा है. पहली जनवरी को दोपहर से शाम तक यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है. शहरी आबादी के बीच होने के कारण यह स्थल स्थानीय महिलाओं व युवतियों के लिए पसंदीदा पिकनिक स्थल बन सकता है. वर्तमान में डाक बंगला की स्थिति काफी खराब है.

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