गिरिडीह : झारखंड विधानसभा के अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति की टीम गुरुवार को गिरिडीह पहुंची. टीम में शामिल समिति सदस्य सह विधायक राजेश रंजन ने नया परिसदन भवन में विभिन्न विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. प्रमुख रूप से बिजली विभाग, वन विभाग, विशेष प्रमंडल, भवन निर्माण के कार्यो की समीक्षा की गयी.
उन्होंने बताया कि विधानसभा में जो प्रश्न सदस्यों द्वारा पूछे जाते हैं, उनका जवाब नहीं मिल पाता है. इसी मामले को लेकर विभिन्न जिलों में जाकर समीक्षा करनी पड़ती है. इसमें पता करना पड़ता है कि उनके द्वारा पूछे गये प्रश्नों की अद्यतन स्थिति क्या है. उन्होंने कहा कि सदन में विद्युतीकरण से संबंधित वर्ष 2010 से लेकर अब तक कई प्रश्न पूछे गये थे. मूलत: संबंधित गांवों में विद्युतीकरण कब तक होना है, यह प्रश्न पूछा गया था. उन्होंने कहा कि संबंधित प्रश्नों के मद्देनजर यह पाया गया कि आज भी बहुत सारे गांवों में बिजली नहीं है.
यह पदाधिकारियों की लापरवाही व आकर्मन्यता को दर्शाता है. समिति सदस्य बिजली विभाग के अधिकारियों पर जमकर बरसे और कौन-कौन गांव बिजली सुविधा से वंचित है, उसका प्रतिवेदन मांगा. समिति सदस्य ने वन विभाग की आंशिक समीक्षा भी की. अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले में कितने हेक्टेयर में वन क्षेत्र हैं और कहां-कहां वन रोपण किया गया है, उसकी अद्यतन रिपोर्ट समर्पित करें. भवन निर्माण की समीक्षा करते हुए पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा दी गयी आवंटित राशि के मद्देनजर कौन-कौन काम लंबित है, इसकी भी रिपोर्ट मांगी. विशेष प्रमंडल की समीक्षा करते हुए बीआरजीएफ के तहत बन रहे पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र की भी रिपोर्ट अधिकारियों से मांगी.
बाद में प्रभात खबर से बातचीत करते हुए समिति सदस्य श्री रंजन ने कहा कि विधानसभा में वर्ष 2010 से लेकर अब तक पूछे गये प्रश्न का संतोषप्रद जवाब विभागों की ओर से दिया गया है या नहीं, इसका जवाब संबंधित विभाग के अधिकारियों से मांगा गया है, ताकि सदन को इससे अवगत कराया जा सके. विभागीय बैठक में डीडीसी दिनेश प्रसाद, डीएसओ रामचंद्र पासवान, एसडीओ जुल्फीकार अली, डीपीओ डीके गौतम, डीपीआरओ वीरू प्रसाद कुशवाहा, डीएसइ महमूद आलम, एडीपीओ कौशल किशोर समेत विभिन्न विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे.