राकेश सिन्हा
गिरिडीह : लोकसभा चुनाव 2014 के जो परिणाम हैं, वह झारखंड विकास मोरचा के वर्तमान विधायकों के लिए खतरे की घंटी है. विधानसभा चुनाव छह माह बाद ही होना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसी स्थिति में लोकसभा चुनाव में झारखंड विकास मोरचा ने गिरिडीह, जमुआ, धनवार व बाघमारा में जो मत हासिल किया है, वह झाविमो विधायकों के लिए चिंता का विषय बन गया है.
वैसे यह मोदी लहर झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को किस हद तक प्रभावित कर पायेगा या ये लहर तब तक रह पायेगा या नहीं, यह तो देखने वाली बात होगी. परंतु फिलहाल इस चुनावी परिणाम ने वर्तमान जेवीएम विधायकों के क्रियाकलापों पर सवाल जरूर खड़ा कर दिया है. गिरिडीह विधानसभा के आंकड़ों पर गौर करें तो विधानसभा 2010 में जेवीएम के निर्भय कुमार शाहाबादी ने 28771 मत प्राप्त किया था और उस समय बीजेपी को मात्र 18283 मत ही हासिल हो सका था.
लेकिन लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने चौंकाने वाला आंकड़ा हासिल किया है. गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र में इस चुनाव में भाजपा को 69428 मत हासिल हुआ, जबकि झारखंड विकास मोरचा मात्र 11073 मत हासिल करने में ही सफल हो सका. विस चुनाव 2010 में निर्भय शाहाबादी ने 28771 मत हासिल कर विजयी का सेहरा पहना था. इसी प्रकार जमुआ में विधानसभा चुनाव 2010 में जेवीएम के चंद्रिका महथा ने 42824 मत हासिल किया. इस चुनाव में बीजेपी को मात्र 19439 मत मिला था. लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने 44766 मत हासिल किया है. धनवार और बाघमारा की भी स्थिति इससे कुछ ज्यादा अलग नहीं है. धनवार में भाजपा को विधानसभा चुनाव 2010 में 27288 मत हासिल हुआ था, जबकि लोस 2014 में भाजपा ने 44838 मत हासिल किया.
इस सीट पर झारखंड विकास मोरचा के निजामुद्दीन अंसारी ने 50392 मत हासिल कर अपना कब्जा जमाया था. इस बार इन्होंने पार्टी बदलने का भी मन लगभग बना लिया है. बाघमारा में भाजपा ने रिकॉर्ड मत हासिल किया है. विधानसभा चुनाव 2010 में एनडीए को 36066 मत हासिल हुआ था. जबकि लोस 2014 में बीजेपी को 85888 मत हासिल हुए हैं. विधानसभा चुनाव 2010 के आंकड़ें पर गौर करें तो इस सीट पर झाविमो के ढुल्लू महतो ने 56026 मत हासिल किया था. लेकिन 2014 में जेवीएम को मात्र 5374 मत ही हासिल हुआ था. 2014 के चुनावी परिणाम में झाविमो के वर्तमान विधायकों को भी अचंभित कर दिया है. झारखंड विकास मोरचा के गिरिडीह के विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी स्वीकार करते हैं कि यह परिणाम चौंकाने वाला है.
उन्होंने कहा कि यह चुनावी लड़ाई मोदी व नन मोदी के बीच की लड़ाई बन गयी थी. इसमें कोई तीसरा फैक्टर नहीं था. श्री शाहाबादी ने कहा कि लोग केंद्र की कांग्रेस सरकार से त्रस्त थे और केंद्र में मोदी की सरकार बनाने के लिए लोगों ने एकतरफा समर्थन किया. उन्होंने कहा कि गिरिडीह सीट पर जेवीएम ने उम्मीदवारी तय करने में सैद्धांतिक निर्णय को महत्व दिया है. एक मुसलिम उम्मीदवार को भी टिकट देना था, इसलिए डॉ सबा अहमद के नहीं चाहने पर भी उन्हें इस सीट से खड़ा किया गया. उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक फैसले के कारण ही झारखंड की तीन सीटों पर झारखंड विकास मोरचा को नुकसान हुआ है. कहा कि यह खतरे की घंटी नहीं है. प्रतिशत वोट जेवीएम का बढ़ा है. निश्चित रूप से जो चुनावी परिणाम सामने आये हैं, उससे एक बार विधायकों को अपने कामकाज की भी समीक्षा करनी चाहिए. हम कामकाज की समीक्षा करने के उपरांत जनमुद्दों पर अपना एजेंडा तैयार करेंगे.