गिरिडीह : जिस तरह से गिरिडीह नगर निगम का परिसीमन करने के उपरांत बूथों पर मतदान की व्यवस्था की गयी है, उससे संभावना जतायी जा रही है कि मतदान का प्रतिशत इस बार घट सकता है. कुल 36 वार्डों में प्रत्याशियों का चयन होना है और इसके लिए कुल 118 बूथ बनाये गये हैं. औसतन प्रत्येक वार्ड में तीन बूथ और मतदाता की संख्या के आधार पर देखें तो प्रत्येक बूथ पर लगभग 1050 मतदाता के मतदान की व्यवस्था की गयी है.
मतदान की जो प्रक्रिया अपनायी गयी है, उसमें एक-एक मतदाता तीन-तीन मत का प्रयोग करेंगे. मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड पार्षद के लिए तीन अलग-अलग रंगों में बैलेट यूनिट रखी गयी है. एक-एक मतदाता बारी-बारी से तीन मत का प्रयोग करेंगे. सबसे पहले वार्ड पार्षद के प्रत्याशी को वोट देना है और इसके बाद डिप्टी मेयर और मेयर के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करना है. यदि इस प्रक्रिया को देखा जाये तो एक मतदाता को तीन वोट देने में औसतन दो मिनट लगेगा. चूंकि मतदान का समय प्रात: सात बजे से शाम पांच बजे तक निर्धारित किया गया है. ऐसे में मतदान की प्रक्रिया कुल मिलाकर दस घंटे की होगी यानी कुल मतदान का कुल समय 600 मिनट का होगा. यदि एक मतदाता को तीन वोट देने में दो मिनट का समय लगता है तो ऐसे में 600 मिनट का मात्र 300 मतदाता ही एक बूथ पर मतदान कर सकने की स्थिति में होंगे. इस प्रकार कुल 118 बूथों पर लगभग 35400 वोट पड़ने की संभावना जतायी जा रही है जो कुल मतदान का 28.46 प्रतिशत है. हालांकि चुनाव आयोग ने यह व्यवस्था भी की है कि जितने मतदाता मतदान केंद्र में पांच बजे तक पहुंच जायेंगे, उन सभी को मत देने के लिए अतिरिक्त समय दिया जायेगा. लेकिन प्रश्न यह भी उठता है कि मतदान के प्रति कम रुचि रखने वाले मतदाता क्या चार-पांच घंटे तक लाइन में खड़े रहेंगे. गिरिडीह नगर निगम के वार्ड नंबर 9 पर गौर करें तो पिछले चुनाव में इस वार्ड में लगभग 2000 मतदाताओं के लिए पांच बूथ बनाये गये थे, लेकिन इस बार के चुनाव में 2500 मतदाताओं पर दो बूथ बनाये गये हैं. वर्ष 2013 के नगर पर्षद के चुनाव प्रक्रिया पर नजर डालें तो कुल 78,272 मतदाताओं के लिए 145 बूथों की व्यवस्था की गयी थी जिस चुनाव में मतदान का प्रतिशत 56 % रहा था. इस बार मतदाताओं की संख्या बढ़ जाने और बूथों की संख्या घट जाने से मतदान के प्रतिशत के घटने की संभावना बढ़ गयी है.