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दहेज हत्याकांड में तीन दोषी, सुनवाई 31 को
गिरिडीह. जिला व सत्र न्यायाधीश (षष्ठ) केके श्रीवास्तव की अदालत ने दहेज हत्याकांड में ससुराल पक्ष के तीन लोगों को दोषी पाया है. इस मामले में अदालत 31 अगस्त को सुनवाई करेगी. मामला धनवार थाना अंतर्गत धोबियासिंघा गांव का है. 11.02.2002 को ससुराल वालों ने एक विवाहिता की हत्या कर दी थी. सूचक विवाहिता के […]
गिरिडीह. जिला व सत्र न्यायाधीश (षष्ठ) केके श्रीवास्तव की अदालत ने दहेज हत्याकांड में ससुराल पक्ष के तीन लोगों को दोषी पाया है. इस मामले में अदालत 31 अगस्त को सुनवाई करेगी. मामला धनवार थाना अंतर्गत धोबियासिंघा गांव का है.
11.02.2002 को ससुराल वालों ने एक विवाहिता की हत्या कर दी थी. सूचक विवाहिता के पिता दरियाडीह निवासी तिलक रविदास ने पुलिस को दिये आवेदन में कहा था कि उसने अपनी बेटी चमेली की शादी पांच वर्ष पूर्व प्रभु रविदास के साथ करायी थी. शादी के बाद दामाद द्वारा व्यापार करने के लिए दस हजार रुपये मांगा जा रहा था. इसकी जानकारी उसकी बेटी ने फोन पर उसे दी थी. कहा कि वह कोलकाता में नौकरी करता है.
घटना के दिन 11.02.2002 को वह घर का सामान लाने के लिए धनवार बाजार गया था. बाजार आने पर उसे पता चला कि ससुराल वालों ने उसकी बेटी चमेली देवी की गला घोंटकर हत्या कर दी और साक्ष्य छिपाने के लिए उसके शव को रस्सी से लटकाकर टांग दिया गया.
घटना के बाद उसने धनवार थाना में 09.03.2002 को कांड संख्या 26/02 के तहत एक मामला दर्ज कराया. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से तीन गवाहों का साक्ष्य कराया गया. इस मामले में अदालत ने ससुर टहल रविदास, सास लखिया देवी व सोनवा देवी को दोषी पाया है. मामले में अपर लोक अभियोजक ने जहां अदालत में साक्ष्य प्रस्तुत किया, वहीं बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता प्रीतपाल सिंह ने बहस की. अपर लोक अभियोजक ने बताया कि मृतका का पति प्रभु रविदास 04.04.2003 से ही फरार बताया जा रहा है.
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