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तीन युवकों की मौत से बेंगाबाद में कोहराम

सड़क हादसे में एक ही परिवार के तीन युवकों की मौत से बेंगाबाद में कोहराम मच गया है. तीनों की शवयात्रा एक साथ निकली तो घर की महिलाओं के चीत्कार से हर किसी की आंखें नम हो गयीं. गिरिडीह : बेंगाबाद के पांडेयबागी टोला में शुक्रवार की सुबह जैसे दो युवकों का शव पहुंचा तो […]

सड़क हादसे में एक ही परिवार के तीन युवकों की मौत से बेंगाबाद में कोहराम मच गया है. तीनों की शवयात्रा एक साथ निकली तो घर की महिलाओं के चीत्कार से हर किसी की आंखें नम हो गयीं.
गिरिडीह : बेंगाबाद के पांडेयबागी टोला में शुक्रवार की सुबह जैसे दो युवकों का शव पहुंचा तो यहां कोहराम मच गया. वहीं कुछ परिजन और ग्रामीण हादसे में गंभीर रूप से घायल घर के तीसरे सदस्य अजय को बचाने में जुटे थे. उसे साथ लेकर सभी धनबाद गये थे, लेकिन सुबह होते ही धनबाद से अजय की मौत की मनहूस खबर भी पहुंच गयी. घटना के बाद सदर अस्पताल में दोपहर दो बजे दिनेश और रंजन के शवों का पोस्टमार्टम हुआ. ग्रामीणों और परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम पर ध्यान नहीं दिया. बाद में बेंगाबाद प्रमुख रामप्रसाद यादव, उप प्रमुख उपेंद्र कुमार और बेंगाबाद पंसस श्रीकांत राणा की पहल के बाद शवों का पोस्टमार्टम किया गया.
प्रमुख-उप प्रमुख ने जताया शोक : इधर पड़ोसी परिवार पर आई आफत को देख बेंगाबाद प्रमुख रामप्रसाद यादव और उसके साथ उप प्रमुख उपेंद्र कुमार दिन भर सदर अस्पताल में डटे रहे.
शव का पोस्टमार्टम कराने से लेकर घर पहुंचाने तक में मदद की़ प्रमुख श्री यादव ने कहा कि एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत अत्यंत दुखद है. तीनों के परिजन को सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा मिलना चाहिए. इसके लिए अधिकारियों से बात करेंगे़ इधर उप प्रमुख श्री कुमार ने कहा कि सदर अस्पताल में चिकित्सक की लापरवाही के कारण शव का पोस्टमार्टम में काफी देर हो गयी. इसपर अस्पताल प्रबंधन को ध्यान देना चाहिए. मौके पर सदर अस्पताल में मौजूद बेंगाबाद बीस सूत्री कमेटी के उपाध्यक्ष सह सांसद प्रतिनिधि शिवपूजन राम, अधिवक्ता शिवशंकर पाठक, मृतक दिनेश का भाई किशोर रजक समेत कई ग्रामीण मौजूद थे.
एक साथ हुआ अंतिम संस्कार
पोस्टमार्टम के बाद दोनों शवों को धनबाद से अजय का शव गिरिडीह पहुंचने की प्रतीक्षा में सदर अस्पताल में ही रोक लिया गया. बाद में शाम करीब सात बजे तक धनबाद से शव गिरिडीह पहुंचने पर तीनों शवों को बेंगाबाद ले जाया गया. शव के बेंगाबाद पहुंचते ही घर की महिला सदस्य दहाड़ मारकर रोने लगीं. गांव में शव के दाह संस्कार के लिए पूर्व से ही वहां तैयारी कर ली गयी थी. तीनों शवों को देर रात गांव से बाहर जंगल की ओर नंदू हीरा में दाह-संस्कार किया गया.
मजदूरी कर परिवार का कर रहे थे भरण-पोषण
सड़क हादसे में शामिल तीनों मृतक अविवाहित भी थे. रंजन के पिता दयाल रजक ने बताया कि दिनेश रजक और रंजन रजक दोनों चचेरे भाई थे. दिनेश के पिता नारायण रजक और रंजन के पिता दयाल रजक सगे भाई हैं,जबकि तीसरे भाई चमरू रजक का पोता अजय रजक था. तीनों मजदूरी करते थे.
बेंगाबाद थाना क्षेत्र में पिछले साढ़े तीन माह में तीन बड़ी सड़क दुर्घटनाएं घटीं, जिसमें अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें पहली घटना इसी एनएच 114 ए में झालकडीहा के पास घटी थी, जिसमें एक पेड़ से बोलेरो टकराने से गोड्डा के थानेदार समेत चार लोगों की मौत हो गयी थी. दूसरी घटना बेंगाबाद-चतरो पथ पर हुई थी, जिसमें एक मांस लदे सवारी वैन ने एक टेंपो को चपेट में ले लिया था. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गयी थी. तीसरी घटना गुरुवार को बारासोली मोड़ पर घटी, जिसमें एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गयी.
बारासोली मोड़ बना डेंजर जोन
एनएच 114ए पर स्थित अत्यंत घुमावदार बारासोली मोड़ सड़क हादसे का पर्याय बन गया है. यहां औसतन दो दिन में एक घटना हो ही जाती है. इन घटनाओं में प्रतिमाह न्यूनतम एक व्यक्ति की मौत हो ही जाती है. हर माह करीब 10 से 15 घटनाएं घटती हैं. इस मार्ग पर यह मोड़ अत्यंत घुमावदार और दूर से नहीं दिखने वाले स्थल हैं, जिस कारण यहां लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं. लोगों की मांग है कि एनएच 114 ए के निर्माण में लगे तकनीकी विशेषज्ञों को इस दिशा में पहल करने की आवश्यकता है.

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