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मस्तिष्क ज्वर के टीका का विरोध कर रहे हैं अभिभावक
अफवाह है कि इंजेक्शन लेने के बाद नपुंसकता की स्थिति बन जायेगी गढ़वा : गढ़वा जिले में सोमवार से मस्तिष्क ज्वर (जापानी इंसेफ्लाईटिस) नामक बीमारी की रोकथाम के लिए सभी विद्यालयों में बच्चों को इंजेक्शन देने का अभियान शुरू किया गया़ लेकिन कई विद्यालयों से अभिभावकों व बच्चों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है़ […]
अफवाह है कि इंजेक्शन लेने के बाद नपुंसकता की स्थिति बन जायेगी
गढ़वा : गढ़वा जिले में सोमवार से मस्तिष्क ज्वर (जापानी इंसेफ्लाईटिस) नामक बीमारी की रोकथाम के लिए सभी विद्यालयों में बच्चों को इंजेक्शन देने का अभियान शुरू किया गया़ लेकिन कई विद्यालयों से अभिभावकों व बच्चों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है़
नगरऊंटारी प्रखंड के बरडीहा, कोइंदी, बहियारकला, हुलहुलाकला, कांडी के अधौरा, धुरकी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय आदि में बच्चों व अभिभावकों के विरोध करने की सूचना है़ धुरकी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की बच्चियों ने इंजेक्शन लेने से मना कर दिया़ इसके बाद वार्डन व शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मियों के काफी समझाने-बुझाने के बाद बच्चियों ने इंजेक्शन लिया़ नगरऊंटारी के बरडीहा विद्यालय में जैसे ही 10-15 बच्चों को इंजेक्शन दिया गया, वे रोने लगे़
इसके बाद विद्यालय के अन्य बच्चे विद्यालय के अन्य बच्चे विद्यालय छोड़ कर भाग गये़ बच्चों के भागने की सूचना मिलने पर विद्यालय में काफी संख्या में अभिभावक पहुंचे और इंजेक्शन देने से एएनएम व प्रशिक्षकों को मना कर दिया़ इसी तरह जिले भर से मिली सूचना के अनुसार इंजेक्शन देने की खबर के बाद विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति काफी कम हो गयी है़ इस संबंध में नगरऊंटारी अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आर द्विवेदी ने बताया कि कई स्थानों से इस तरह की सूचनाएं उन्हें प्राप्त हुई हैं, जिससे अभियान पर असर पड़ रहा है़
लेकिन सभी विद्यालय स्तर पर एएनएम व स्वास्थ्यकर्मियों को मुखिया, शिक्षक आदि के साथ बैठक कर इस मामले में ग्रामीणों के बीच फैली भ्रांतियों को दूर करने के निर्देश दिये गये हैं. बताया गया कि अभिभावकों में इस इंजेक्शन को लेकर यह अफवाह फैल गयी है कि इससे नपुंसकता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है़, जबकि बच्चे इंजेक्शन से होनेवाले दर्द की वजह से इसका विरोध कर रहे हैं. इधर इस संबंध में सीएस टी हेंब्रम ने बताया कि गढ़वा जिले के 4.34 लाख बच्चों को मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए इंजेक्शन देने का अभियान शुरू किया गया है़
यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगी़ उन्होंने बताया कि इस मामले में पहले से ही प्रचार-प्रसार किया गया है़ उन्होंने बताया कि पहले चरण में विद्यालय के छह से 15 साल तक के बच्चों को इंजेक्शन दिया जा रहा है़ इसके बाद आंगनबाड़ी में पढ़नेवाले एक साल से छह साल तक के बच्चों को इंजेक्शन दिया जायेगा़ उन्होंने कहा कि जापानी इंसेफ्लाइटिस गंभीर व मानसिक बीमारी पैदा करता है़
यह मच्छर से फैलनेवाली बीमारी है, जिसका कोई उपचार अभी तक निकाली नहीं जा सकी है़ यह टीकाकरण बीमारी होने के खतरे को कम कर देता है़ इसलिए इसे लेना काफी आवश्यक है़
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