मामला उप्रावि करमाही का
भवनाथपुर : प्रखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था मजाक बनकर रह गया है़ प्रखंड में कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां शिक्षक खुद विद्यालय न जाकर पठन-पाठन का कार्य बच्चों से ही करवाते हैं. बुधवार को ऐसा ही मामला उप्रावि करमाही में देखने को मिला़ विद्यालय में लंबे इंतजार के बाद ही जब शिक्षक नहीं पहुंचे तो विद्यालय के छात्र-छात्रायें खुद ही पढ़ने बैठ गये़ इस दौरान विद्यालय का ही एक छात्र शिव कुमार कक्षा तीन के बच्चों को पढ़ा रहा था़
शिव कुमार ने बताया कि उसके विद्यालय में एकमात्र शिक्षक सह प्रधानाध्यापक विष्णुदेव कोराव पदस्थापित हैं. वह घर पर धान की दौनी का काम करा रहे हैं. इसलिए वह विद्यालय नहीं आये. विद्यालय में अन्य कोई शिक्षक नहीं होने के कारण वह खुद बच्चों को पढ़ा रहा है़
वहीं छात्रा सिवानी कुमारी, पिंकी कुमारी, आरती कुमारी, कविता कुमारी, यशोदा कुमारी, छात्र अमलेश कुमार, जितेंद्र कोरवा, कमलेश कुमार आदि ने बताया कि उनके शिक्षक विष्णु देव हमेशा नशे में विद्यालय आते हैं. नशे में रहने के कारण वे उन्हें ठीक से नहीं पढ़ा पाते. बच्चों ने मध्याह्न भोजन के मेनू के संबंध में भी शिकायत करते हुए कहा कि मध्याह्न भोजन में उन्हें हमेशा चावल, दाल व चोखा दिया जाता है़ इसके अलावा कोई पौष्टिक आहार नहीं दिया जाता है़
अन्य पौष्टिक आहार मांगे जाने पर शिक्षक डांटते हैं और कहते हैं कि जो मिलता है, वहीं खाओ़ वहीं रसोईया कलावती देवी ने बताया कि शिक्षक के विद्यालय नहीं पहुंचने से मध्याह्न भोजन से बच्चे वंचित न हों, इसलिये वह ग्रामीणों के सहयोग से ताला तोड़ कर बच्चों के लिये भोजन बना रही है.