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दुष्ट व्यक्ति होता है धरती पर भार : आचार्य रत्नेश
नगरऊंटारी (गढ़वा) : स्थानीय प्लस टू उच्च विद्यालय के प्रांगण में श्री रामकथा आयोजन समिति द्वारा आयोजित मानस कथा के तीसरे दिन अयोध्या से आये भास्कर आचार्य रत्नेशजी ने कहा कि दुष्ट व्यक्ति धरता का भार होता है. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने भगवान श्री राम के अवतार से पहले रावण […]
नगरऊंटारी (गढ़वा) : स्थानीय प्लस टू उच्च विद्यालय के प्रांगण में श्री रामकथा आयोजन समिति द्वारा आयोजित मानस कथा के तीसरे दिन अयोध्या से आये भास्कर आचार्य रत्नेशजी ने कहा कि दुष्ट व्यक्ति धरता का भार होता है. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने भगवान श्री राम के अवतार से पहले रावण के अवतार की चर्चा करते हैं.
उन्होंने कहा कि व्यक्ति समाज में रावण कैसे बनता है, इसके चार उदाहरण प्रस्तुत करते हैं. उन्होंने कहा कि पद के अहंकार में किसी का अपमान करना, समाज में किसी के पतन का आनंद उठाना, बिना मेहनत के रातोरात करोड़पति बनने के लिए असत्य का आचरण करना तथा धर्म की आड़ लेकर अधर्म करना व्यक्ति को समाज में रावण बना देता है.
उन्होंने कहा कि रावण बुराइयों का पुंज था. भगवान श्रीराम का अवतार समाज के ऐसे रावण को नष्ट कर धर्म की स्थापना के लिए होता है. इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष कामेश्वर प्रसाद, उपाध्यक्ष खुशदिल सिंह, 20 सूत्री उपाध्यक्ष सिद्धेश्वर लाल अग्रवाल, भरत प्रसाद निराला, दयावंत शर्मा, विंध्याचल शुक्ल, शिवशंकर प्रसाद, शिवनारायण चौबे, सुदामा प्रसाद सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे.
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