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छाता लगा कर इलाज करते हैं चिकित्सक
वर्ष 1927 में राजकीय औषधालय भवन का हुआ था निर्माण उसी भवन में चल रहा है कांडी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कांडी : कांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जर्जर स्थिति में पहुंच गया है़ सोमवार की सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश में पूरा अस्पताल का भवन में पानी टपक रहा है़ इससे […]
वर्ष 1927 में राजकीय औषधालय भवन का हुआ था निर्माण
उसी भवन में चल रहा है कांडी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
कांडी : कांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जर्जर स्थिति में पहुंच गया है़ सोमवार की सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश में पूरा अस्पताल का भवन में पानी टपक रहा है़
इससे अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक व कर्मियों को अस्पताल के अंदर भी छाता लगा कर काम करना पड़ रहा है़ सोमवार को ऐसा ही वाकया अस्पताल में पहुंचने पर देखने को मिला, जहां डॉ गौरव विक्रम अस्पताल के अंदर छाता लगा कर मरीजों को देख रहे थे़ उल्लेखनीय है कि यह अस्पताल प्रखंड के लाखों लोगों के इलाज के लिए तो बना है, लेकिन अस्पताल भवन खुद ही बीमार है़
89 वर्ष पुराना है अस्पताल भवन :
कांडी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वर्ष 1927 में राजकीय औषधालय के रूप में स्थापित हुआ था़ अंग्रेजों के शासनकाल में इस राजकीय औषधालय के दो कमरो के भवन का निर्माण कराया गया था़
आजादी के 60 साल के बाद वर्ष 2006-07 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप शाही ने नये अस्पताल भवन का शिलान्यास किया था़ 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी नया भवन अबतक बन कर तैयार नहीं हुआ है़ इससे जर्जर व पुराने अस्पताल में ही मरीजों का इलाज कराना पड़ रहा है़
31 वर्ष पूर्व ही भवन को खतरनाक घोषित किया गया था : वर्ष 1985-86 में स्वास्थ्य विभाग के इंजीनियरों ने इस भवन के निरीक्षण के बाद इसे तथा चिकित्सक के आवास को अयोग्य व खतरनाक घोषित किया था़ इसके बाद चिकित्सक के आवास को तो हटा दिया गया, लेकिन अस्पताल भवन 31 वर्ष बाद भी उसी जर्जर अवस्था में खड़ा है और उसी अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जा रहा है़
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