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हेमंत सोरेन ने गढ़वा डीसी व एसपी को हटाने की मांग की
पूर्व मुख्यमंत्री ने रघुवर दास को पत्र लिखकर मामले की जांच न्यायिक आयोग से कराने एवं दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गढ़वा : पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने बुधवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर गढ़वा की उपायुक्त डॉ नेहा अरोड़ा एवं पुलिस अधीक्षक प्रियदर्शी आलोक को […]
पूर्व मुख्यमंत्री ने रघुवर दास को पत्र लिखकर मामले की जांच न्यायिक आयोग से कराने एवं दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की
गढ़वा : पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने बुधवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर गढ़वा की उपायुक्त डॉ नेहा अरोड़ा एवं पुलिस अधीक्षक प्रियदर्शी आलोक को अविलंब यहां से स्थानांतरित करते हुए मामले की जांच न्यायिक आयोग से कराने एवं दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करने की मांग की है़
श्री सोरेन ने मुख्यमंत्री को दिये पत्र में कहा है कि 18 जून को गढ़वा में झामुमो कार्यकर्ताओं के साथ अमानवीय व अमर्यादित व्यवहार से पूरे राज्य के पार्टी कार्यकर्ता तथा वे स्वयं काफी मर्माहत हैं. लोकतंत्र में सरकार की जनविरोधी नीतियों एवं कार्यक्रमों का विरोध करना एक सामान्य प्रक्रिया है़
इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती मिलती है़ साथ ही विरोध करना संविधान में प्रदत्त अभिव्यक्ति के अधिकार का हिस्सा भी है़ श्री सोरेन ने पत्र में कहा है कि 18 जून को झामुमो कार्यकर्ता मुंह पर काली पट्टी लगाकर मौन जुलूस निकाल कर समाहरणालय पहुंचे थे, जहां उन्हें उपायुक्त को ज्ञापन सौंपना था़ लेकिन डेढ़ घंटे तक पुलिस ने समाहरणालय का दरवाजा नहीं खोला़ इसके बाद काफी जद्दोजहद के बीच पांच लोगों को अंदर आने के लिए कहा गया़
जब पांच कार्यकर्ता उपायुक्त कार्यालय के बरामदे में पहुंचे तो वहां मेराल के अंचलाधिकारी पहले से मौजूद थे और उन्होंने कहा कि इससे आगे नहीं जाने देंगे़ जो देना है, हमें दे दें, मैं उपायुक्त को दे दूंगा़ इस पर कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जतायी तो अंचलाधिकारी भड़क गये और प्रतिनिधिमंडल के साथ उलझ गये और बाहर फेंकवाने की धमकी देने लगे़ इसी बीच पुलिस अधीक्षक करीब 50 पुलिस कर्मियों के साथ आकर प्रतिनिधिमंडल के इंगित कर भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे और उनके जिला के वरीय नेता व जिला प्रवक्ता सह व्यवहार न्यायालय के वरीय अधिवक्ता परेश कुमार तिवारी को थप्पड़ व लाठी से मारने लगे़
साथ ही प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य लोगों की पिटायी की गयी़ पत्र में श्री सोरेन ने कहा है कि एसपी का रवैया बेहद शर्मनाक एवं अशोभनीय था़ उन्होंने स्वयं गढ़वा जाकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली है़ गढ़वा एसपी एवं डीसी का रवैया आपातकाल की याद ताजा करा रहा है़ उन्होंने कहा कि गढ़वा एसपी के पूर्व का कार्यकाल विवादास्पद रहा है़
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