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बच्चों से वसूला जा रहा है “100 ज्यादा

सरकारी विद्यालयों में की जा रही है मनमानी उगाही जिले के अधिकांश उच्च विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों से झारखंड अधिविद्य परिषद की अोर से ज्यादा उगाही की जाती है. कोई निर्धारित शुल्क की सूची अंकित नहीं है. जिले के एक भी उवि में निर्धारित शुल्क की सूची अंकित की हुई नहीं है गढ़वा : गढ़वा […]

सरकारी विद्यालयों में की जा रही है मनमानी उगाही
जिले के अधिकांश उच्च विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों से झारखंड अधिविद्य परिषद की अोर से ज्यादा उगाही की जाती है. कोई निर्धारित शुल्क की सूची अंकित नहीं है.
जिले के एक भी उवि में निर्धारित शुल्क की सूची अंकित की हुई नहीं है
गढ़वा : गढ़वा जिले के उच्च विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों से झारखंड अधिविद्य परिषद् की ओर से निर्धारित शुल्क से ज्यादा राशि की उगाही की जाती है. जिले के एक भी उवि में निर्धारित शुल्क की सूची अंकित की हुई नहीं है.
इस वजह से विद्यालय के बच्चों से मनमाने तरीके से राशि की उगाही की जाती है. सामाजिक कार्यकर्ता उमेश विश्वकर्मा द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत ली गयी जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि बच्चों से जो निर्धारित राशि लेनी थी. उससे 50 से 100 रुपये ज्यादा प्रत्येक विद्यार्थी से ली गयी है. इस अनुसार प्रत्येक वर्ष लाखों रुपये उच्च विद्यालय वसूल लेते हैं और अभिभावकों व बच्चों को इसका पता भी नहीं चलता.
कितना फीस लेना है उवि में
वर्ष 2015 में झारखंड अधिविद्य परिषद के विज्ञप्ति संख्या 67/ 2015 के अनुसार वार्षिक फी के रूप में विद्यालय विकास शुल्क के रूप में 200 रुपये लेने हैं. जो यहां विद्यालय प्रबंध समिति के अनुशंसा के बाद 100 रुपये निर्धारित किया गया है.
इसके अलावा नामांकन शुल्क पांच रुपये, स्थानांतरण शुल्क एक रुपये, क्रीड़ा शुल्क 2.50 रुपये, निर्धन छात्र कोष 50 पैसे, कॉमन रूम चार्ज चार रुपये, परीक्षा शुल्क 15 रुपये(प्रति परीक्षा), विज्ञान शुल्क दो रुपये, पंखा व बिजली शुल्क 1.50 रुपये, बालचर शुल्क 2.50 रुपये, चलचित्र शुल्क छह रुपये, पुस्तकालय एक रुपये वार्षिक तथा अनुपस्थिति दंड 10 पैसे प्रतिदिन, विलंब दंड 10 पैसे प्रतिदिन व कदाचार दंड 10 पैसे प्रतिदिन लेने हैं. इसके अलावा पंजीयन शुल्क 125 रुपये, अंक पत्र 75 रुपये, औपबंधिक प्रमाणपत्र शुल्क 75 रुपये आदि भी ली जाती है.
उपरोक्त में से कई सुविधाएं यहां के विद्यालयों में नहीं है, फिर भी पैसे की उगाही की जाती है. साथ ही परीक्षा शुल्क, नामांकन शुल्क, पंजीयन शुल्क, स्थानांतरण शुल्क आदि के नाम पर मनमाने तरीके से फीस ली जाती है.
सूची टांगने के लिए निर्देश दिया गया है : डीइओ
इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी रामयतन राम ने बताया कि उन्होंने विद्यालयों को पूर्व में ही शुल्क का बोर्ड लगाने के निर्देश दिये हैं. उन्हें फिर से विद्यालय के बाहर फी से संबंधित सूची लगाने का निर्देश भेजा जायेगा. उन्होंने कहा कि यदि इस प्रकार की शिकायत विद्यालयों से आती है, तो वे कार्रवाई करेंगे.
जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित
गढ़वा. राजकीयकृत प्लस टू उवि नगरऊंटारी के आदेशपाल बली प्रसाद ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर कई आरोप लगाये हैं. प्रधानाध्यापक पर बच्चों से अधिक फीस वसूलने, बैंक में फीस की राशि जमा नहीं करने, कैस बुक इंट्री नहीं करने आदि का आरोप लगाया गया है.
आदेशपाल द्वारा डीइओ रामयतन राम को दिये गये आवेदन के आलोक में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है. डीइओ श्रीराम ने क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है. इसमें प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी नगरऊंटारी व प्रधानाध्यापक राजकीयकृत उवि रमना को भी रखा गया है. उन्हें एक सप्ताह के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिये गये हैं.

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