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जल संकट : 46 टैंकर से हो रही है जलापूर्ति, फिर भी गढ़वा नगर परिषद द्वारा प्रतिदिन 40 टैंकर व झामुमो नेता द्वारा छह टैंकर पानी की जा रही है आपूर्ति. लेकिन यह भी नाकाफी है. आधी रात से ही लोग पानी की जुगाड़ में लग जाते हैं. गढ़वा : गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र में […]

जल संकट : 46 टैंकर से हो रही है जलापूर्ति, फिर भी
गढ़वा नगर परिषद द्वारा प्रतिदिन 40 टैंकर व झामुमो नेता द्वारा छह टैंकर पानी की जा रही है आपूर्ति. लेकिन यह भी नाकाफी है. आधी रात से ही लोग पानी की जुगाड़ में लग जाते हैं.
गढ़वा : गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र में टैंकर से पानी की आपूर्ति के बावजूद पेयजल संकट से लोगों को निजात नहीं मिल सकी है. किसी भी मुहल्ले में टैंकर के घुसते ही दर्जनों की संख्या में महिलाएं-बच्चे डब्बे लेकर दौड़ते हुए देखे जा सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि गढ़वा नगर परिषद ने प्रत्येक वार्ड में दो-दो टैंकर व झामुमो के केंद्रीय महासचिव मिथिलेश ठाकुर द्वारा प्रतिदिन छह टैंकर पानी की आपूर्ति की जा रही है. लेकिन पेयजल की समस्या से जूझ रहे शहरवासियों के लिए यह नाकाफी साबित हो रहा है. बताते चलें कि पिछले डेढ़ दशक से गढ़वा का शहरी क्षेत्र पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहा है.
शहर के मेन रोड के दोनों ओर बसे दर्जनों मुहल्ले के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. आधी रात से ही लोग पानी के जुगाड़ में लग जाते हैं. स्थिति यह है कि लोगों को आधे बाल्टी से स्नान करना पड़ रहा है और पीने का पानी जमा करना पड़ रहा है.
सिर्फ 20 हजार गैलन की आपूर्ति
पेयजल व स्वच्छता विभाग ने गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र में पाइप लाइन के जरिये पानी की आपूर्ति की जाती है. लेकिन सहिजना स्थित दानरो नदी में बना कूप सूख जाने के कारण वहां से आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गयी है. इसका कारण जलस्तर का काफी नीचे चला जाना बताया जा रहा है.
विभाग के कनीय अभियंता सिकंदर प्रसाद ने बताया कि फरवरी महीने से ही जलस्तर नीचे जाने के कारण समस्या उत्पन्न हो गयी है. तब से 24 घंटा में एक बार सहिजना स्थित कूप से पानी की आपूर्ति की जाती थी. लेकिन मार्च के अंतिम तक वह कूप भी जवाब दे दिया.
इसके कारण शहरी क्षेत्र की आपूर्ति ठप हो गयी. उन्होंने बताया कि पुराने चीरखाना के सामने दानरो नदी के तट पर दो वर्ष पूर्व कराया गया डीप बोर का खराब मोटर बना दिया गया है. वर्तमान में वहीं से 24 घंटे में एक बार पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन वह भी कम है. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 80 हजार गैलन पानी की आपूर्ति होती थी, लेकिन डीप बोर से भी पानी कम निकल रहा है. इसके कारण वर्तमान में 20 हजार गैलन पानी की आपूर्ति विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र को किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि जिस तरीके से जलस्तर नीचे भाग रहा है, उससे यह खतरा बढ़ गया है कि आनेवाले महीनों में 20 हजार गैलन पानी भी न मिल सके. गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र में पेयजल की समस्या से निजात दिलाने तथा जलस्तर को संतुलित बनाये रखने के लिये सिंचाई विभाग व नगर परिषद द्वारा सोनपुरवा दानरो नदी पर तीन करोड़ रुपये की लागत से चेकडैम का निर्माण कराया गया था.
तब यह उम्मीद जताया गया था कि इस चेकडैम के बनने से शहरी क्षेत्र में जलस्तर संतुलित रहेगा और गरमी के दिनों में लोगों को पेयजल की समस्या से काफी हद तक निजात मिलेगी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका और फरवरी महीने में ही चेकडैम सूख गया. थोड़ा-बहुत पानी उसमें बचा भी था, तो वह शहर के सिवरेज का पानी था, जो जहरीला था.

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