गढ़वा : अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित 24 कुंडीय महायज्ञ में टोली नायक यमुनाजी ने गृहस्थ जीवन की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गृहस्थ जीवन की कई शक्ति होती है, इसे संभालना सहेजना और आगे बढ़ाना काफी जिम्मेवारी भरा कार्य होता है.
उन्होंने कहा कि सती अनुसुइया ने गृहस्थ जीवन में रह कर ब्रrा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं को शिशु बना दिया था. गृहस्थ जीवन में ही सावित्री ने सत्यवान को यमराज से छुड़ा लाया था.
उन्होंने कहा कि परिवार एक छोटा समाज और राष्ट्र होता है, जिसमें सीमित लोग रहते हैं. परिवार के मुखिया को सभी सदस्यों के विकसित होने का समान अवसर देना चाहिए.परिवार के सदस्य एक दूसरे के रिश्ते का ख्याल नहीं रखे, तो परिवार एक पशुबाड़ा बन कर रह जाता है, जैसे पशुबाड़े में पशु एक-दूसरे से लड़ते रहते हैं.
उन्होंने कहा कि परिवार समाज की महत्वपूर्ण इकाई है, इसलिए परिवार को आदर्श बनाने की जरूरत है. इसी से समाज व युग बदलेगा. उन्होंने कहा कि एक गृहस्थ सत्य और आदर्श पर चल कर सबकुछ प्राप्त कर सकता है, जो तपस्या और ज्ञान से भी पाना दुर्लभ है.
इस दौरान टोली के कुंजबिहारीजी, सुनीलजी व यशवंतजी ने युग संगीत की प्रस्तुति कर श्रोताओं को काफी प्रभावित किया. इस अवसर पर नगर पंचायत उपाध्यक्ष अनिल पांडेय, डॉ एस कुमार, बृजबिहारी पाठक, सतीश मिश्र, संतन मिश्र, अवधेश प्रसाद कुशवाहा, अनिरुद्ध प्रसाद सोनी, विजय शंकर, कृत्यानंद श्रीवास्तव, गायत्री परिवार के दिलीप तिवारी, विश्वनाथ उपाध्याय, संजय सोनी, अखिलेश कुशवाहा, सुनंदा देवी, सरला देवी, शोभा पाठक, शोभा सोनी,अनिता देवी आदि उपस्थित थे.