गढ़वा : गढ़वा टाउन स्टेशन जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी ङोल रहा है. वहीं यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था इससे भी बड़ा सवाल बन गया है. यद्यपि रेल पुलिस ने यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर यहां आरपीएफ के दो सुरक्षाकर्मियों को नियुक्त किया है, लेकिन ये यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल साबित हो रहे हैं. यह स्टेशन असामाजिक तत्वों व नशेड़ियों के लिए पनाहगाह बनता जा रहा है.
आलम यह है कि शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों की हरकतें शुरू हो जाता है. लाठी–डंडा लिए असामाजिक तत्व रेलकर्मियों व यात्रियों के साथ अभद्र व्यवहार करते सरेआम देखे जा सकते हैं. आये दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की बात आम हो गयी है. परिवार के साथ ट्रेन पकड़ने आनेवाले लोग ऐसे लोगों से उलझने की बजाय अपनी इज्जत बचाना मुनासिब समझते हैं.
रेलकर्मी भी दहशत में
असामाजिक तत्व रेलकर्मियों को भी दहशत में रखते हैं. रविवार की रात एक ऐसा ही वाकया देखने को मिला, जब पलामू लिंक एक्सप्रेस पकड़ने के लिए रात नौ बजे यात्रियों से खचाखच भरे स्टेशन पर दो युवक नशे में धुत कभी रेलकर्मियों को सरेआम गाली बक रहे थे, तो कभी डंडा हाथ में लहराते हुए इधर–उधर चहलकदमी कर रहे थे.
इस दौरान स्टेशन पर खोमचा लगा कर अपनी आजीविका चलानेवाले एक बच्चे की पिटाई भी कर दी तथा कुछ देर बाद यात्रियों से भी उलझ पड़े. काफी भीड़ जमा हो गयी, लेकिन उक्त लोगों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. जानकारी लेने पर बताया गया कि वे दोनों स्टेशन के उस पार के निवासी हैं, और कई बार जेल की हवा खा चुके हैं. दोनों खुद को रेलवे का वेंडर बता रहे थे.