मनातू–चक पथ निर्माण की स्वीकृति पर दावेदारी
मेदिनीनगर : पांकी विधायक विदेश सिंह ने कहा कि वह श्रेय लूटने में नहीं,बल्कि कार्य कराने में यकीन रखते हैं. पर दूसरे के प्रयास से हुए कार्य को भी कुछ लोग अपनी उपलब्धि बता कर सस्ती लोकप्रियता बटोरने का प्रयास करते हैं.
इसी तरह का प्रयास चतरा सांसद इंदर सिंह नामधारी ने भी मनातू–चक पथ के मामले में किया है. पहले से ही सर्वविदित है कि वह (विधायक) मनातू–चक पथ निर्माण कार्य को स्वीकृति दिलाने के लिए सक्रियता के साथ लगे हुए थे.
तत्कालीन मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा को उन्होंने पत्र लिख कर इस पथ को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग में करने की अनुशंसा की थी, उसके बाद इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी. कोई भी अभिलेख देख सकता है. पत्र विधायक का लगा है, न कि सांसद का. सांसद श्री नामधारी काफी वरीय राजनीतिज्ञ हैं, उनसे यह अपेक्षा थी कि अगर उन्हें इसकी जानकारी मिली थी, तो इसके लिए उन्हें सांसद होने के नाते विधायक को बधाई देनी चाहिए थी कि प्रयास से चिर प्रतिक्षित मांग पूरी हुई.
लेकिन ऐसा करने की बजाय सांसद द्वारा सस्ती लोकप्रियता बटोरने के लिए यह कहा गया कि पथ निर्माण कार्य को उनके प्रयास से स्वीकृति मिली है. जबकि यह योजना राज्य सरकार के अधीन था. विधानसभा में उनके द्वारा सवाल उठाया गया था. यदि केंद्र की योजना होती, तो समझ में भी आता कि सांसद द्वारा प्रयास किया गया था. अगर इसके पहले भी उनके द्वारा कुछ इस तरह का कार्य किया गया है, तो उसे भी बताये. जनता को भरमाने का काम सांसद न करें.