गढ़वा : उपायुक्त राजेश्वरी बी ने शिक्षा का अधिकार कानून का निजी विद्यालय द्वारा पालन नहीं किये जाने को लेकर कड़े कदम उठाये हैं. उपायुक्त ने प्रभात खबर के तीन अप्रैल के अंक में छपी खबर के बाद जिले के विभिन्न निजी विद्यालय के संचालकों को बुला कर उनके साथ बैठक की.
बैठक के दौरान एक सप्ताह के अंदर सभी विद्यालय के संचालकों को शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार विद्यालय संचालित करने के लिए राज्य सरकार से मान्यता लेने को कहा. मान्यता नहीं लेने वाले विद्यालयों को बंद करा दिया जायेगा.
इसके अलावे उपायुक्त ने सभी विद्यालय की प्रवेश कक्षा में 25 प्रतिशत बीपीएलधारी बच्चो को नि:शुल्क पढ़ाने के निर्देश दिये. साथ ही स्कूल ड्रेस, किताब आदि की बिक्री विद्यालय से नहीं करने को कहा. वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चों को ढ़ोये जाने पर संबंधित विद्यालय पर कार्रवाई करने की बात भी कही गयी. इस अवसर पर विद्यालय के संचालकों ने कहा कि वे अनुमति लेने के लिये तैयार हैं. साथ ही कानून के अनुसार सभी तरह का पालन भी करेंगे.
संचालकों ने अपने पोषक क्षेत्र के अंदर के 25 प्रतिशत बीपीएलधारी बच्चों को पढ़ाने का निर्देश मानते हुये कहा कि बीपीएलधारी बच्चों को सरकारी स्कूलों की तरह ही हर सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये. इसके अलावा पुनर्नामांकन शुल्क नहीं लेने एवं सरकारी विद्यालय से निजी विद्यालय में नामांकन कराने वाले बच्चों से स्थानांतरण प्रमाण पत्र नहीं लेने के भी निर्देश दिये गये.
इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी रामयतन राम, जिला शिक्षा अधीक्षक अरविंद कुमार, जिला पब्लिक स्कूल समन्वय समिति के अध्यक्ष अलखनाथ पांडेय, सचिव मदन प्रसाद केशरी, महेंद्र विश्वकर्मा, सुशील केशरी, अनिल विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे.