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5000 एकड़ भूमि डूब क्षेत्र की जद में
धुरकी(गढ़वा) : झारखंड के गढ़वा जिले की महात्वाकांक्षी कनहर जलाशय सिंचाई परियोजना साढ़े तीन दशक से विचाराधीन है. लेकिन उसी समय (वर्ष 1976-77) की उत्तरप्रदेश सरकार की कनहर सिंचाई परियोजना का क्रियान्वयन शुरू हो चुका है. यहां से महज कुछ किमी दूर उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले के अमवार गांव के पास बन रही कनहर सिंचाई […]
धुरकी(गढ़वा) : झारखंड के गढ़वा जिले की महात्वाकांक्षी कनहर जलाशय सिंचाई परियोजना साढ़े तीन दशक से विचाराधीन है. लेकिन उसी समय (वर्ष 1976-77) की उत्तरप्रदेश सरकार की कनहर सिंचाई परियोजना का क्रियान्वयन शुरू हो चुका है.
यहां से महज कुछ किमी दूर उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले के अमवार गांव के पास बन रही कनहर सिंचाई परियोजना से झारखंड प्रदेश को कोई लाभ तो नहीं मिलेगा, लेकिन नुकसान जरूर उठाना पड़ेगा. क्योंकि 2252.29 करोड़ की लागत की उक्त सिंचाई परियोजना का कमांड एरिया यूपी के सोनभद्र जिले की 35462 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है. जबकि इसके डूब क्षेत्र में झारखंड के फेफ्सा, भूमफोर, परासपानी समुलियास गांव आ रहे हैं. इसके कारण बांध बनते ही झारखंड के ये चारों गांव डूब जायेंगे. 5000 एकड़ भूमि प्रभावित होगी. गौरतलब है कि उक्त कनहर सिंचाई परियोजना से प्रभावित (डूब क्षेत्र में) यूपी के पड़नेवाले सभी 11 गांवों के प्रभावितों को मुआवजा दिया जा चुका है.
लेकिन झारखंड के डूब क्षेत्र के ग्रामीणों के पुनर्वास हेतु कोई मुआवजा नहीं दिया गया है और न ही इस परियोजना में झारखंड के प्रभावित होनेवाले ग्रामीणों के लिए कोई प्रावधान है. जबकि यूपी सरकार ने इस डूब क्षेत्र वाले गांवों में निशान बना कर इसे चिह्न्ति कर दिया है. इसके कारण इस क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी आक्रोश है.
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