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तीन माह बाद भी नहीं खुली माइंस
भवनाथपुर(गढ़वा) : गढ़वा जिले का इकलौता सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम भवनाथपुर स्थित सेल आरएमडी माइंस के बंद होने के तीन माह बाद भी माइंस खुलने के आसार नहीं दिख रहे हैं. माइंस बंद होने से 15-20 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. माइंस में कार्यरत दर्जनों मजदूर पैसे के अभाव में बीमार हैं, वहीं 500 मजदूर […]
भवनाथपुर(गढ़वा) : गढ़वा जिले का इकलौता सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम भवनाथपुर स्थित सेल आरएमडी माइंस के बंद होने के तीन माह बाद भी माइंस खुलने के आसार नहीं दिख रहे हैं. माइंस बंद होने से 15-20 हजार लोग प्रभावित हुए हैं.
माइंस में कार्यरत दर्जनों मजदूर पैसे के अभाव में बीमार हैं, वहीं 500 मजदूर रोजगार की तलाश में पलायन कर चुके हैं. और भी मजदूर पलायन की तैयारी कर रहे हैं. विदित हो कि लीज नवीनीकरण व प्रदूषण तथा वन विभाग द्वारा लीज नहीं मिलने के कारण 12 सितंबर 2014 को तुलसीदामर डोलोमाइट खदान बंद हो चुका है. खदान बंद होने के बाद से लगातार सेल के अधिकारी खदान खुलने का आश्वासन देते रहे हैं.
लेकिन इसके आसार कम ही दिख रहे हैं. जबकि आरएमडी के घाघरा चूना पत्थर खदान 23 अप्रैल 2013 से बंद है. यहां काम करनेवाले 167 मजदूर व सुपरवाइजर को फाइनल सेटलमेंट के तहत भुगतान कर दिया गया है. दोनों खदानों के बंद होने से इसमें कार्यरत 2500 मजदूर बेकार हो गये हैं. बताया गया कि खदान बंद होने के बाद यहां के मजदूर सरयु भुइयां, कुदुस मियां, शिव भुइयां, राजमणि राम, राजेश मोची, मनदीश राम, चंद्रीका राम, बिजू महतो सहित 500 मजदूर पलायन कर चुके हैं. वहीं गंभीर रूप से बीमार हरिहर राम, जेठन सिंह,भोला राम, दशरथ मोची आदि पैसे के अभाव में इलाज नहीं करा पा रहे हैं.
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