गढ़वा : गढ़वा नगर पंचायत के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने एक माह पूर्व जब पद की शपथ ली थी, तो लोगों को लगा कि बदलाव के साथ विकास की गति और तेज होगी. अधूरे व लंबित कार्य को गति मिलेगी. मगर अध्यक्ष पिंकी केसरी व उपाध्यक्ष अनिल पांडेय के बीच अहम व तनातनी से लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है.
दोनों के बीच विवाद गहराता जा रहा है. सदन के भीतर की बात अब सड़क पर आ रही है. बोर्ड की पहली बैठक में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के बीच जो बयानबाजी शुरू हुई है, वह थमने का नाम नहीं ले रही है. अध्यक्ष के पति संतोष केसरी व उपाध्यक्ष अनिल पांडेय लगातार एक-दूसरे पर कार्य में व्यवधान डालने व विकास कार्यो को अवरुद्ध करने का आरोप लगा रहे हैं.
विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई थी, जब अध्यक्ष पति संतोष केसरी की बोर्ड की पहली बैठक में बैठने को लेकर उपाध्यक्ष अनिल पांडेय ने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए गोपनीयता भंग होने का अंदेशा जताया था. बोर्ड की दूसरी बैठक में उपाध्यक्ष अनिल पांडेय व कार्यपालक पदाधिकारी आपस में भिड़ गये.
एक-दूसरे को देख लेने की धमकी तक दी गयी. इस तरह नगर पंचायत के नये कार्यकाल की बोर्ड की दोनों बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गयी. बैठक में शहर के विकास की चर्चा कम व तनातनी की बातें ज्यादा छन कर बाहर आयी.
रुकी पड़ी है 37 करोड़ की योजना: पेयजल व स्वच्छता विभाग द्वारा लगभग 37 करोड़ की लागत से बननेवाली पाइपलाइन जलापूर्ति योजना का निर्माण भू-स्वामियों को मुआवजा नहीं मिलने के कारण रोक दिया गया है. क्षेत्र के कई वार्डो में पेयजल की समस्या अब भी गंभीर बनी हुई है. इसके निदान को लेकर नगर पंचायत गंभीर नहीं दिखता है.
कई वाडरें में व्याप्त है समस्याएं: नगर पंचायत के 20 वार्ड में से कई वार्ड ऐसे हैं, जहां अब भी पेयजल, सड़क, जल जमाव व नाली की समस्या बरकरार है. बरसात आनेवाला है, मगर समस्याओं से निबटने के लिए उठाये जानेवाले कारगर कदम पर चर्चा नहीं की गयी. बस चर्चा है तो आरोप-प्रत्यारोप का.
– जितेंद्र सिंह –