बड़गड़ (गढ़वा) : बड़गड़ प्रखंड के परसवार स्थित सिंदरी पहाड़ पर ईसाई धर्मावलंबियों द्वारा लगाया गया पवित्र क्रूस टूटा हुआ पाया गया. इसके खिलाफ स्थानीय ईसाइयों में क्षोभ है. ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा सोमवार को यहां मौन जुलूस निकाल कर इस घटना का प्रतिरोध किया गया.
जुलूस बरकोल चर्च से शुरू होकर मुख्य मार्ग से बड़गड़ बाजार होते हुए गोठानी स्कूल तक गया. वहां जुलूस सभा में बदल गया. करीब चार किलोमीटर तक के इस मौन जुलूस में आसपास के गांवों के काफी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग शामिल हुए. विदित हो कि सिंदरी पहाड़ पर ईसाई समुदाय द्वारा 18 फीट लंबा एवं डेढ़ फीट चौड़ा क्रंकीट से ढाल कर क्रूस का निर्माण कराया गया है. यह क्रूस काफी दूर से ही लोगों को दिखता था.
16 सितंबर की रात असामाजिक तत्वों ने इस क्रूस को तोड़ कर गिरा दिया. सुबह क्रॉस नहीं दिखने पर आसपास के ईसाइयों में यह चर्चा का विषय बन गया. इस विषय पर बैठक कर यहां मौन जुलूस निकाला गया. इस अवसर पर आयोजित सभा में ईसाइयों ने कहा कि यह क्षेत्र सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल रहा है.
यहां कभी भी धार्मिक सदभाव नहीं बिगड़ा है. लेकिन कुछ लोगों को यही बात नहीं पच पा रही है. उनके द्वारा साजिश कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन ईसाई समाज के लोग एकजुट होकर इसे कुचलने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि दो साल पहले भी उसी स्थान पर से पहले भी लगाये गये छोटे क्रूस को उन्हीं तत्वों द्वारा तोड़ा गया था. पुन: उनके द्वारा क्रूस को तोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि इस घटना से ईसाई समुदाय के लोग काफी मर्माहत हैं. उन्होंने सरकार से संरक्षण की मांग की.
सभा में आदिवासी विरासत एवं अधिकार मंच के नेता कन्हाई सिंह, सेमेस्टीन कुजूर, फादर फदियानुस बरवा, मुखिया सियोन बाखला, पास्टर हरदवायल बाखला, प्रेमसाय टोप्पो आदि ने संबोधित किया. इस अवसर पर जोसेफ तिर्की, माग्रेन कच्छप, मुखिया सुनीता लकड़ा, शीला कच्छप, परशिला बाखला, सुचिता बाड़ा, ललिता बाखला, आनंद प्रकाश तिर्की, सिस्टर लिनोतेरेस सहित कई गांवों से ईसाई लोग उपस्थित थे.