गढ़वा : जिला मुख्यालय सहित आसपास के सभी मसजिद व ईदगाहों में ईद-उल-फितर की नमाज अदा की गयी. सोमवार को चांद देखने के बाद से ही सभी मुसलिम ईद को लेकर काफी उत्साहित थे.
सुबह नये-नये कपड़े पहन कर बच्चे से लेकर बूढ़े तक अपने निकट के मसजिद व ईदगाहों में जाकर ईद की नमाज अदा की. गढ़वा के सभी मसजिदों में सैकड़ों की संख्या में रोजेदारों ने नमाज पढ़ी व अमन-चैन व खुशहाली के लिए अल्लाह-ताअला से दुआएं मांगी. उंचरी मसजिद में मौलाना जफरूल्लाह, टंडवा मसजिद में मौलाना तबारक हुसैन, गढ़वा ईदगाह में जामा मसजिद के पेश इमाम हाफीज अब्दुल समद, मदरसा तबलीगुल इसलाम के मैदान में मौलाना लियाकत हुसैन व कल्याणपुर ईदगाह में मौलाना युसुफ रजा ने नमाज-ए-ईद अदा करायी.
इसी तरह जिले के अन्य मसजिदों में वहां के मौलाना द्वारा नमाज अदा करायी गयी. इसके पश्चात सबों ने एक-दूसरे को ईद की बधाई दी. ईद की बधाई देने के लिए हिंदू धर्म के भी काफी संख्या में गणमान्य लोग, राजनीतिक दलों के नेता मसजिद व ईदगाह स्थल पर पहुंचे हुए थे. ईद को लेकर मेले का भी आयोजन किया गया था, जहां मुसलिम बच्चों ने खिलौने व मिठाई का आनंद लिया.
धुरकी/मझिआंव/कांडी/विशुनपुरा (गढ़वा) : जिले के सभी प्रखंडों में हर्षोल्लास के साथ ईद-उल-फितर मनायी गयी. धुरकी प्रखंड मुख्यालय सहित खाला, खुटिया, टाटीदीरी आदि गांव में ईद की नमाज अदा की गयी.
खाला में हाफी मोजाहिद, धुरकी में मौलाना ग्यासुद्दीन, खुटिया में मौलाना मोख्तार अंसारी तथा टाटीदीरी में मौलाना समसुद्दीन अंसारी ने ईद-उल-फितर की नमाज अदा की. इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक अनंत प्रताप देव, पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी, नौसंमो के प्रशांत सिंह, लोजपा के अभय पांडेय आदि ने मुसलिमों से मिल कर उन्हें ईद की बधाई दी व सेवई का लुत्फ उठाया.
उधर मङिाआंव प्रखंड मुख्यालय सहित भुसुआ, जोगीबीर, सेमरहत, लेभरी, विंडडा, घुरुआ, सरकोनी, कामत, सोनपुरवा, आदर, सेमरी आदि गांवों के मसजिदों में मुसलमानों ने ईद की नमाज पढ़ी व एक-दूसरे को ईद की बधाई दी. इस मौके पर झाविमो उद्योग मंच के केंद्रीय सचिव ब्रह्मदेव प्रसाद, बसपा नेता अशर्फी चंद्रवंशी, झारखंड नवनिर्माण मोरचा के अभिमन्यु सिंह आदि ने मुसलमानों से मिलकर उन्हें ईद की बधाई दी.
कांडी प्रखंड के जमुआ, पतिला, ढबरिया, सोनपुरवा, लमारी कला के ईदगाह में ईद की नमाज पढ़ी गयी. उधर विशुनपुरा के पिपरी, चितरी, हुरही, पतिहारी, पतागाड़ा, अमहरखास आदि में भी ईद की नमाज पढ़ी गयी.