गढ़वा : गढ़वा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता आशीष दुबे के साथ पुलिस द्वारा की गयी मारपीट के विरोध में बार एसोसिएशन गढ़वा के अधिवक्ताओं ने पूर्व घोषित आंदोलन के तहत गुरुवार को काला बिल्ला लगा कर न्यायालय का कार्य किया. जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अलख निरंजन चौबे ने कहा कि मंगलवार को बार एसोसिएशन की आपातकालीन आम बैठक की गयी थी, जिसमें सर्वसम्मति से गढ़वा एसपी के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है.
सभी अधिवक्ता इस तरह से लगातार एक सप्ताह तक काला बिल्ला लगाकर कार्य करेंगे. उन्होंने कहा कि आंदोलन के माध्यम से बार एसोसिएशन ओर से गढ़वा एसपी मो अर्शी को हटाने और उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने की मांग की गयी है. यदि एक सप्ताह के अंदर एसपी को हटाते हुए उनपर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है, तो वे लोग इसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. उनका हड़ताल तबतक नहीं टूटेगा, जब तक गढ़वा एसपी को हटाने के साथ उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं हो जाती है. इस बीच अधिवक्ताओं ने गढ़वा उपायुक्त कार्यालय पहुंच कर वहां अपना मांगपत्र सौंपा है. साथ ही मांग पत्र की प्रतिलिपि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, गृह मंत्री, बार काउंसिल इंडिया के चेयरमैन, स्टेट बार काउंसिल रांची के चेयरमैन, झारखंड के मुख्य कार्यवाहक न्यायाधीश, झारखंड के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक रांची, पुलिस उप महानिरीक्षक पलामू प्रक्षेत्र, आयुक्त पलामू, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश गढ़वा आदि को भी भेजी गयी है. मांगपत्र देने जानेवालों में अध्यक्ष श्री चौबे के अलावे सचिव भृगुनाथ चौबे, दिग्विजय सिंह, ललित पांडेय, अवधकिशोर चौबे, अशोक पटवा, अशोक तिवारी, सौरभ धरदुबे आदि के नाम शामिल हैं.
क्या है मांगपत्र में : गढ़वा एसपी के इशारे पर पुलिस द्वारा अधिवक्ता आशीष दुबे की हाजत में बंदकर रातभर रखने, अमानवीय तरीके से उनके साथ मारपीट करने की घटना की प्राथमिकी एसपी के खिलाफ दर्ज करने, एक सप्ताह के भीतर एसपी मो अर्शी को गढ़वा से हटाने, इस बीच काला बिल्ला लगाकर न्यायिक कार्य करने, एक सप्ताह में एसपी को नहीं हटाने पर आठवें दिन से अनिश्चितकालीन कलमबद्ध हड़ताल पर जाने की चेतावनी है.
पुलिस ने क्या कहा : पुलिस के मुताबिक अधिवक्ता आशीष दुबे को तब गिरफ्तार किया गया, जब वे रंका मोड़ पर जाम के बीच में खड़े होकर मोबाइल से वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे. मना करने के बाद भी नहीं मानने पर पुलिस को जब जाम हटाने पर श्री दुबे के कारण जब समस्या उत्पन्न हुई. तब उन्हें हिरासत में लेकर गढ़वा थाना लाया गया. गढ़वा थाना में पाया गया कि उनका रिकॉर्ड पहले से सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने को लेकर खराब है. उनसे थाने में उनके द्वारा चलाये जानेवाले फेसबुक के विषय में पूछताछ हुई और उनका मोबाइल जब्त किया गया. पूछताछ में अधिवक्ता होने की जानकारी पर उन्हें थाने से ही छोड़ दिया गया. मारपीट के विषय में पुलिस ने कहा कि अधिवक्ता के साथ कोई मारपीट नहीं हुई है. उनका जख्म गिरने से हुआ है.
आंदोलन पर उतरा बार एसोसिएशन
एक सप्ताह के अंदर मांग पूरी नहीं होने पर आठवें दिन से अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल करेंगे
गढ़वा एसपी को हटाने व उनपर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग कर रहे हैं अधिवक्ता
क्या है मामला
अधिवक्ता आशीष दुबे को बीते सोमवार की शाम रंका मोड़ पर जाम की वीडियो बनाने के दौरान पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर गढ़वा थाना लायी थी. आरोप है कि रंका मोड़ से ही पुलिस ने अधिवक्ता की पिटाई करते हुए थाना लाया था. फिर थाना में भी उसके साथ बर्बर रूप से मारपीट की गयी. शाम से लेकर दूसरे दिन 10 बजे तक बिना खाना-पीना के रखा. इस बीच गढ़वा थाना में मिलने गये अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया. बाद में बार एसोसिएशन के दबाव में अधिवक्ता को थाने से जमानत दिया गया. इसके बाद पीडीजे की पहल पर अधिवक्ता का एक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में जख्म प्रतिवेदन बनाया गया. कोर्ट के निर्देश के अनुसार इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गयी है. गढ़वा सदर अस्पताल से रेफर किये जाने के बाद अधिवक्ता श्री दुबे का इलाज इस समय रिम्स में चल रहा है.