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आशीष दूबे के साथ पुलिस हाजत में कथित मारपीट

गढ़वा : गढ़वा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता आशीष दूबे के साथ पुलिस हाजत में कथित मारपीट के बाद पुलिस प्रशासन और बार एसोसिएशन आमने-सामने है. अधिवक्ता श्री दूबे को सोमवार को रंका मोड़ से गिरफ्तार कर गढ़वा थाना लाया गया था. आरोप है कि थाने में अधिवक्ता को पीटा गया. इसकी सूचना पर थाना में […]

गढ़वा : गढ़वा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता आशीष दूबे के साथ पुलिस हाजत में कथित मारपीट के बाद पुलिस प्रशासन और बार एसोसिएशन आमने-सामने है. अधिवक्ता श्री दूबे को सोमवार को रंका मोड़ से गिरफ्तार कर गढ़वा थाना लाया गया था. आरोप है कि थाने में अधिवक्ता को पीटा गया. इसकी सूचना पर थाना में मिलने गये अधिवक्ताओं को उनसे मिलने नहीं दिया गया और सुबह में बार एसोसिएशन के दबाव में अधिवक्ता को थाने से जमानत दी गयी. जमानत मिलने पर पिटायी से जख्मी अधिवक्ता का प्रधान जिला जज के निर्देश पर गढ़वा सदर अस्पताल में एक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में मेडिकल जख्म प्रतिवेदन बनाया गया.

जांच में चिकित्सकों ने गंभीर बताते हुए अधिवक्ता को रिम्स रेफर कर दिया है. इस घटना के विरोध में बुधवार को एक बार एसोसिएशन गढ़वा की आपातकालीन एक आम बैठक की गयी. इसमें अधिवक्ता श्री दूबे के साथ पुलिस की अमानवीय कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए एक सप्ताह तक काला बिल्ला लगाकर न्यायालय का कार्य करने, गढ़वा एसपी मो अर्शी को एक सप्ताह के अंदर गढ़वा से हटाने, नहीं हटाने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने एवं अधिवक्ता आशीष दूबे के साथ घटित घटना की सीबीआइ से जांच कराने आदि की मांग की. इसके बाद गढ़वा में इस घटना को लेकर माहौल गर्म हो चुका है.
पहले भी चर्चा में रहे हैं आशीष दुबे : थाना लाने के बाद जांच के क्रम में पता चला कि उस व्यक्ति का नाम आशीष दुबे है, जो पेशे से एक अधिवक्ता हैं तथा पहले भी ये फेसबुक आदि पर आपत्तिजनक पोस्ट करते रहे हैं तथा बंदी के समय सड़क पर सक्रिय रूप से तनाव फैलाने की कोशिश किये थे. इससे पूर्व में भी गढ़वा में तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई थी. उस समय भी थाना लाकर इन्हें चेतावनी देकर छोड़ा गया था. इनके विरुद्ध थाना में पूर्व में एंट्री भी हुई है.
इनसे फेसबुक के विवादित पोस्ट के बारे में लंबी पूछताछ की गयी तथा इनकी सहमति से जांच हेतु मोबाइल फ़ोन भी जब्त किया गया. फिर भी पुलिस ने अधिवक्ता होने के कारण सहानुभूति पूर्वक रियायत देते हुए इनपर जमानतीय धारा में कांड दर्ज कर भविष्य में ऐसा नहीं करने की चेतावनी देते हुए इन्हें मुक्त कर दिया है. पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देश पर शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर बैठनेवाले मनचलों एवं अन्य असामाजिक तत्वों के खिलाफ भविष्य में और कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
गढ़वा सदर अस्पताल से रिम्स रेफर हुए अधिवक्ता आशीष दूबे
एक सप्ताह काला बिल्ला लगायेंगे अधिवक्ता, मांग नहीं मानने पर बेमियादी हड़ताल पर जायेंगे
गढ़वा एसपी को हटाने व घटना की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की
क्या है आरोप
बार एसोसिएशन का आरोप है कि अधिवक्ता आशीष दूबे सोमवार की शाम रंका मोड़ पर हुए जाम का अपने कैमरे में रिकॉर्डिंग कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर थाना लायी और हाजत में बंद कर दिया. सूचना के बाद अधिवक्ता की गिरफ्तारी की जानकारी लेने गये अधिवक्ताओं से थाना में दुर्व्यवहार किया गया और उनसे मिलने से रोका गया. रात में अधिवक्ता को डंडे से खूब पिटायी गयी. यहां तक कि उनके पेट में घूसा से मारा जाता रहा, जब अधिवक्ता को उल्टी होने लगी, तब उसकी पिटाई बंद हुई. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के नेतृत्व में थाना पहुंचे अधिवक्ताओं को एसपी को बात करने को कहा गया. अध्यक्ष अलख निरंजन चौबे के मुताबिक उनके द्वारा एसपी से बात करने पर भी एसपी छोड़ने को तैयार नहीं हुए.
इसके बाद अधिवक्ताओं ने इस संबंध में एक आपात बैठक कर प्रधान जिला जज महेशचंद्र वर्मा को घटना की जानकारी दी. पीडीजे ने इसके बाद गढ़वा डीसी से बात कर एक अपनी देखरेख में एक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में एक मेडिकल टीम का गठन कर अधिवक्ता का जख्म प्रतिवेदन बनाने का निर्देश दिया. साथ ही इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग करने का भी निर्देश दिया. इसके आलोक में डीसी के निर्देश पर एसडीओ प्रदीप कुमार ने गढ़वा सीओ वैजनाथ कामती की देखरेख में गढ़वा सीएस की अध्यक्षता में गठित मेडिकल टीम द्वारा जख्म प्रतिवेदन बनाया गया. इसमें चिकित्सकों ने अधिवक्ता के पेट एवं सिर में गंभीर चोट देखते हुए उसे रिम्स रेफर कर दिया. इस घटना के विरोध में अधिवक्ताओं ने आपातकालीन आमसभा बुलाकर एसपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है.
क्या कहा पुलिस प्रशासन ने
इस घटना को तूल पकड़ने पर इस संबंध में एसपी कार्यालय से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी है. इसमें कहा गया है कि सोमवार की शाम करीब साढ़े आठ बजे रंका मोड़ पर वाहनों का जाम लगा हुआ था. जाम में महिला, पुरुष एवं बच्चे फंसे हुए थे. इसी समय संध्या गश्ती से पुलिस अधीक्षक गढ़वा लौट रहे थे. रंका मोड़ पर जाम की स्थिति को देखते हुए उन्होंने पीसीआर वाहनों को बुलाया और तुरंत जाम हटाने का निर्देश दिया एवं पीसीआर की मदद के लिये अपना स्कोर्ट वाहन वहीं छोड़कर खुद आवासीय कार्यालय के लिए रवाना हो गये. एसपी आवासीय कार्यालय पहुंचने के बाद पुलिस अधीक्षक महोदय को ट्रैफिक पुलिस द्वारा बताया गया कि एक व्यक्ति को थाना लाया गया है, जो रंका मोड़ पर सड़क के बीचोबीच खड़ा होकर आसपास से गुजर रहे वाहनों की वीडियो बना रहा था. इसमें महिलाएं एवं बच्चियां भी थीं. उसे ऐसा करने से यातायात और बाधित हो रहा था. पुलिसकर्मियों द्वारा बीच सड़क से हटने एवं वीडियो बनाने से मना किया गया. परंतु वह व्यक्ति सड़क से हटने के बजाये लगातार अपनी गतिविधि जारी रखा. पुनः उसको वहां से हटने के लिए कहने पर वह पुलिसकर्मियों से अपशब्द का प्रयोग करने लगा तथा पुलिसकर्मियों से उलझ गया. पुलिसकर्मियों को उसे बलपूर्वक बीच रास्ते से हटाकर थाना लाना पड़ा. इस क्रम में गिरने के कारण उसे हल्की छोटे आयी है.

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