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बंद कमरे में धूल फांक रही बेंच जमीन पर बैठ कर पढ़ रहे हैं छात्र
एक प्रधानाध्यापक के भरोसे दो विद्यालय के संचालन से हो रही परेशानी रमकंडा : जिले के भंडरिया प्रखंड के विभिन्न विद्यालय मनमाने ढंग से संचालित हो रहे हैं. सरकार द्वारा छात्रों को उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधा उन्हें नहीं मिल रही है. शिक्षक भी मनमाने समय पर पहुंचते हैं. विद्यालय में शौचालय की भी दयनीय […]
एक प्रधानाध्यापक के भरोसे दो विद्यालय के संचालन से हो रही परेशानी
रमकंडा : जिले के भंडरिया प्रखंड के विभिन्न विद्यालय मनमाने ढंग से संचालित हो रहे हैं. सरकार द्वारा छात्रों को उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधा उन्हें नहीं मिल रही है. शिक्षक भी मनमाने समय पर पहुंचते हैं.
विद्यालय में शौचालय की भी दयनीय स्थिति है. प्रखंड के सुदूरवर्ती मंजरी गांव के विद्यालयों में अव्यवस्था का माहौल देखने को मिला. राजकीय प्राथमिक विद्यालय मंजरी में नामांकित 55 छात्रों में से महज चार बच्चे ही विद्यालय पहुंचे हुए थे़ शिक्षक भी 10:30 बजे पहुंच कर बच्चों की हाजिरी बना रहे थे. विद्यालय में बेंच-डेस्क की खरीदारी होने के बावजूद उसे एक कमरे में बंद कर रखा गया है. इसके कारण इस विद्यालय के बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.
छोटे बच्चों के लिए लो डेस्क भी बेकार पड़ा हुआ है. रंगरोगन के अभाव में जर्जर अवस्था में पड़े इस विद्यालय में अभी तक बिजली वायरिंग का कार्य भी नहीं हो सका है. विद्यालय पहुंचे छात्र रूपवंती कुमारी, रिंकी कुमारी, पिंकी कुमारी व रमेश सिंह ने बताया कि यहां मीनू के अनुसार भोजन नहीं मिलता है. बुधवार को मध्याह्न भोजन में दाल भात और अंडा की जगह खिचड़ी दिया गया है़ रसोइया ने बताया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक अंडा पहुंचाते हैं, तो बनता है. इसके साथ ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय उतरटोला मंजरी की भी दयनीय स्थिति है.
शिक्षिका मायारानी लकड़ा विद्यालय में उपस्थित थीं. नामांकित 81 छात्रों में से 15 छात्र उपस्थित थे़ 11:00 बजे तक छात्रों की हाजिरी भी नहीं बनायी गयी थी. विद्यालय के कुछ छात्रों द्वारा प्रधानाध्यापक के कमरे की सफाई की जा रही थी़ वहीं कुछ छात्र बेंच-डेस्क की ढुलाई करने में मशगूल थे. इस संबंध में प्रधानाध्यापक ने बताया कि इन दिनों महुआ गिरने की वजह से छात्रों की उपस्थिति कम हो गयी है.
वहीं विद्यालय में पानी की समस्या की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विद्यालय कैंपस में लगा चापाकल सूखने लगा है. जिससे मध्याह्न भोजन के लिए रसोइया को दो किमी दूर से पानी लाना पड़ता है.
महुआ की वजह से उपस्थिति कम है : बीइइओ
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी चंदेश्वर प्रसाद ने कहा कि एक सप्ताह पूर्व इन विद्यालयों की जांच की गयी थी. महुआ की वजह से उपस्थिति कम है. उन्होंने कहा कि पुन : विद्यालय की जांच की जायेगी.
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