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नियोजन नीति लोगों की भावना के अनुकूल ही बनेगी : सत्येंद्रनाथ तिवारी

विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने पूर्व विधायक पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया गढ़वा : स्थानीय विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कहा है कि झारखंड राज्य के 13 जिलों की तरह ही शेष 11 जिलों की भी नियोजन नीति होनी चाहिए़ सरकार की तरफ से सिर्फ उन्होंने ही इस बात को मजबूती के साथ विधानसभा में […]

विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने पूर्व विधायक पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया
गढ़वा : स्थानीय विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कहा है कि झारखंड राज्य के 13 जिलों की तरह ही शेष 11 जिलों की भी नियोजन नीति होनी चाहिए़ सरकार की तरफ से सिर्फ उन्होंने ही इस बात को मजबूती के साथ विधानसभा में रखा था, जिस पर सरकार ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है़ इस कमेटी में वे भी शामिल हैं और कमेटी की पहली बैठक जो नेतरहाट में संपन्न हुई है, उसमें एक तरह की नियोजन नीति लाने का प्रस्ताव उन्होंने दिया है़
इसके लिए भले ही कानून या नियम आदिमें संसोधन करना पड़े, लेकिन राज्य में दोहरी नियोजन नीति यहां के लोगों की भावनाओं के अनुकूल ही होगा़ राज्य के युवक-युवतियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा़ शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री तिवारी ने कहा कि गढ़वा विधानसभा में कुछ राजनेता साइबेरियन पक्षी की तरह आकर स्वयंभू नेता बन गये है़ं वे चारागाह के रूप में इस्तेमाल कर वापस अपने वतन लौट जायेंगे़
इसे गढ़वा की जनता बखूबी समझती है, यह कभी भी पूरा नहीं होने दिया जायेगा़ विधायक ने कहा कि एक पूर्व जनप्रतिनिधि विकास की बात जब करते हैं, तो उन्हें रात में भी हंसी आने लगती है़ इंटरमीडिएट एवं इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम पर फरजीवाड़ा कर करोड़ रुपये डकारनेवाले को अब विकास की बात सूझ रही है़ जबकि उनके परिवारवालों ने यहां 35 साल तक शासन किया है़ इस 35 साल में जितनी सड़कें उन्होंने नहीं बनायी होगी, उससे कई गुणा ज्याद सड़कें विधानसभा में बन गयी है़
बाइपास के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वे नौ बार इसे विधानसभा में उठा चुके हैं. विरोधियों को यह जानकारी होनी चाहिए कि इतने बड़े काम की सरकारी प्रक्रिया में कुछ समय लगता है, लेकिन काम गति में है और जल्द ही इसका काम शुरू होगा़ गोवावल में शराब की दुकान खोले जाने पर उन्होंने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार शराब को पूरी तरह से बंद कराना चाहती है़ इसी वजह से शराब दुकानों की संख्या कम कर दी गयी है़ यह बात सभी जानते हैं कि पहले शराब की कितने दुकानें थी और आज एक दर्जन भी शराब की दुकानें नहीं है़
श्री तिवारी ने कहा कि पारा शिक्षकों की मांगों का सम्मानजनक हल निकालने के लिये सरकार काम कर रही है़ लेकिन जो विपक्षी इस मामले में घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, वही पहले इसके लिए गठित कमेटी के सदस्य थे और उन्हीं की सिफरिश की वजह से पारा शिक्षकों की समस्या का हल आज तक नहीं निकल सका़, लेकिन वर्तमान सरकार इसका जल्द ही निराकरण कर देगी़ इस अवसर पर कई भाजपा नेता उपस्थित थे़

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