उल्लेखनीय है कि 30 अक्तूबर को समाहरणालय में भाकपा माले द्वारा प्रदर्शन किया गया था़ इस दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी भीम राम की प्रतिनियुक्ति दंडाधिकारी के रूप में की गयी थी़ लेकिन भीम राम अपने कर्तव्य के दौरान अनुपस्थित थे़ आंदोलन के दौरान भाकपा माले की ओर से समाहरणालय का मुख्य व एकमात्र द्वार को करीब तीन घंटे तक जाम कर आवागमन बाधित कर दिया गया था़ इस वजह से प्रशासनिक पदाधिकारी एक तरह से समाहरणालय के अंदर कैद हो गये थे़ इस संबंध में जब एसडीओ प्रदीप कुमार द्वारा दूरभाष पर सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी से संपर्क किया गया, तब उनके पुत्र ने बताया था कि उनके पिता अभी सासाराम गये हुए है़ं
जबकि जिला सांख्यिकी कार्यालय को उनके अनुपस्थिति या छुट्टी लेने से संबंधित कोई सूचना नहीं थी़ एसडीओ ने जारी स्पष्टीकरण पत्र में कहा है कि विधि-व्यवस्था संधारण जैसे अति संवेदनशील कार्य को छोड़कर इस तरह अनाधिकृत्त व बना अनुमति के मुख्यालय से बाहर रहना सरकारी कार्य में लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता का द्योतक है़ यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आंदोलन के दौरान भाकपा माले द्वारा भी ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से कई बार दंडाधिकारी को आकर उनसे मांगपत्र लेने का आग्रह किया गया था़ लेकिन ड्यूटी से गायब रहने के कारण भीम राम उनसे मांगपत्र लेने नहीं आये़ बाद में माले नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त कार्यालय जाकर वहां अपनी मांग पत्र समर्पित किया था़