भवनाथपुर: भवनाथपुर के झगराखांड मे श्रम नियोजन व प्रशिक्षण विभाग द्वारा संचालित आइटीआइ कॉलेज पिछले एक वर्षों से कागजों पर संचालित हो रहा है.नामांकन तो हुआ है, लेकिन आज तक पढ़ाई शुरू तक नहीं हुई. कॉलेज में एक भी छात्र नहीं है़ लाखों रुपये का भवन सहित अन्य संसाधन जुटाये गये़ कई कीमती सामान अब […]
भवनाथपुर: भवनाथपुर के झगराखांड मे श्रम नियोजन व प्रशिक्षण विभाग द्वारा संचालित आइटीआइ कॉलेज पिछले एक वर्षों से कागजों पर संचालित हो रहा है.नामांकन तो हुआ है, लेकिन आज तक पढ़ाई शुरू तक नहीं हुई. कॉलेज में एक भी छात्र नहीं है़ लाखों रुपये का भवन सहित अन्य संसाधन जुटाये गये़ कई कीमती सामान अब भी शोभा की वस्तु बनी हुई है़.
झगराखांड़ में करोड़ों रुपये की लागत से तत्कालीन श्रम नियोजन मंत्री सह विधायक भानु प्रताप शाही ने आइटीआइ भवन का निर्माण कराया था. निर्माण होने के बाद भवन पूरी तरह कबाड़ा बन गया. पिछले वर्ष 2016 में श्री शाही के प्रयास से नामांकन तो हुआ, लेकिन सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गया. सितंबर 2016 से पहले सत्र कि पढ़ाई शुरू है, लेकिन वहां एक भी छात्र नहीं आते है और न ही अनुदेशक. वर्ष 2016 में 158 सीटों के लिए काउंसलिंग किया गया, जिसमें 143 उपस्थित थे और 108 छात्रों का नामांकन हुआ. आइटीआइ में इलेक्ट्रिक का 42 सीट, फीटर का 42, मैकेनिकल डीजल का 42 तथा वेल्डर का 32 सीट है.
वर्ष 2016 मे ही करीब 45 लाख रुपये का ग्रेड के अनुसार सामग्री लाया गया है, जो आज भी बंद रखा हुआ है़ जो कमरे की शोभा बढ़ा रही है. भवन बनने के बाद फर्नीचर के साथ साथ वर्कशॉप के लिए भी सामग्री आया था, जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है. वहीं छात्रों को पढ़ाने के लिए तीन अनुदेशक प्रभार में भेजे गये है.
जिसमें से किसी का भी अता पता नहीं है. जबकि विजय कुमार राम फीटर अनुदेशक जिन्हें सोमवार व मंगलवार को तथा हेमरन ठिडिओ डराइंग अनुदेशक को बुधवार व गुरुवार को पढ़ाना है.लेकिन कोई नजर नहीं आता है. विभाग ने सुनील पाठक, चंद्रदीप पासवान, अखलेश पासवान को गार्ड नियुक्त किया है़ गार्ड ने बताया कि आइटीआइ में न तो अनुदेशक आते हैं न ही छात्र. कभी-कभी अनुदेशक सह आइटीआइ प्रभारी किशन कुमार महतो आते हैं. कुछ देर रूक कर चले जाते हैं. इस बारे में पूछे जाने पर प्रभारी किशन कुमार महतो ने कहा, क्या करें विभागीय लापरवाही है. छात्र ही नहीं आते हैं.