उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाना होगा. जैसे बच्चे को जन्म देने के बाद उसे देखभाल की आवश्यकता होती है, वैसे ही पौधरोपण के बाद देखभाल की जरूरत है. उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक पौधा लगाने और उसे देखभाल करने का अपील किया. एसडीपीओ नीरज कुमार ने कहा कि लोगों को पौधा रोपण करने के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है.
बीडीओ मुरली यादव ने कहा कि विकसित व विकाशील देशों के बीच समन्वय नहीं बनना भी पर्यावरण असंतुलित के लिए जिम्मेदार है. महाविद्यालय के सचिव शारदा महेश प्रताप देव ने कहा कि पारिवारिक जिम्मेवारी राष्ट्रीय जिम्मेवारी के साथ-साथ पर्यावरण को बचाने की जिम्मेवारी भी हम सभी का है. उन्होंने कहा कि मेरे जानकारी के अनुसार प्रतिवर्ष 73 लाख हेक्टेयर जंगल काटे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर प्रकृति का दोहन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण को बचाने के लिए लोगों को आगे आने की जरूरत है. कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक विवेक सिंह, बेबी सिंह ने पर्यावरण से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराया. कार्यक्रम का संचालन रामअवध कुशवाहा ने किया. मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षक गजाधर पांडेय, कमलेश्वर पांडेय, रामानंद पांडेय, विनय प्रताप देव, श्याम बिहारी शुक्ला, रामजन्म पासवान, समाजसेवी विजय कुमार सिंह, राणा सिंह, प्रभारी प्राचार्य वरुण पांडेय, चंचल प्रताप देव, मोनू सिंह, प्रणय देव, संजय सोनी सहित काफी संख्या में महाविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मी व स्थानीय लोग उपस्थित थे. शिक्षक प्रतिनिधि वरुण कुमार पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापन किया.