रसीद दिखाते हुए बरडीहा का टेंपो चालक विरेंद्र चौधरी ने बताया कि नगरपालिका मझिआंव के नाम से छपी इस रसीद पर कोई सीरियल नंबर अंकित नहीं है. साथ ही इसपर चंदन के नाम का हस्ताक्षर किया गया है. उसने शिकायत करते हुए कहा कि टेंपो का निर्धारित टैक्स पांच रुपये है, लेकिन हमेशा से ही उन सभी से दोगुणी राशि 10 रुपये ली जाती है.
उसने कहा कि इस रसीद पर न तो वाहन का नंबर लिखा जाता है और न यह लिखा जाता है कि टेंपो की रसीद है या जीप की. राशि के साथ केवल तारीख और समय अंकित किया जाता है. गौरतलब है कि पिछले वित्तीय वर्ष में सैरात की बंदोबस्ती पांच लाख रुपये में चंदन कुमार के नाम से की गयी थी, जिसकी अवधि 31 मार्च 2017 को ही खत्म हो चुकी है.
सरकारी नियम के अनुसार बंदोबस्ती की समयावधि खत्म होने के पूर्व ही इसका टेंडर करा लिया जाना चाहिए था. लेकिन मझिआंव नगर पालिका प्रशासन ने सरकार के इस निर्देश का अनुपालन नहीं किया और बिना निविदा निकाले ही चार माह तक लगातार पूर्व संवेदक के माध्यम से टैक्स की वसूली की जाती रही. इस आशय की खबर जब अखबार में प्रकाशित हुई, तो शिव स्थान स्टैंड पर रसीद देने की शुरुआत की गयी है. नगर पंचायत कार्यालय में बगैर किसी रिकॉर्ड के ही पिछले पांच माह से बेख़ौफ़ राशि वसूली पर सभी लोग सवाल उठा रहे हैं. विदित हो कि मझिआंव नगर पंचायत के चार स्टैंडों से प्रतिदिन लगभग 350 टेंपो व जीप तथा 15 बस आते-जाते हैं. इससे करीब सवा लाख रुपये प्रति माह की राशि की वसूली होती है.