राजा पहाड़ी पर श्रद्धालुओं के भीड़ उमड़ने के कारण मंदिर के कोर कमेटी के सदस्यों तथा शिव संघर्ष समिति के सदस्यों को काफी मशक्कत करना पड़ा. अनुमंडल मुख्यालय के अलावा सीमावर्ती उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार सहित झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु राजा पहाड़ी स्थित शिव मंदिर पहुंच कर पूजा-अर्चना किया. दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने राजा पहाड़ी के नीचे लगे झूलन मेला का लुत्फ भी उठाया. राजा पहाड़ी पर दर्शन करने केे बाद श्रद्धालुओं ने गुफा के अंदर मां वैष्णव माता का दर्शन किया. मंदिर में बज रहे शिव आधारित गीतों से पूरा अनुमंडल मुख्यालय भक्तिमय हो गया था. अंतिम सोमवारी को उमड़े श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस प्रशासन ने महिला व पुरुष बल के जवान लगाये थे.
अंतिम सोमवारी को अनुमंडल के अन्य शिवालयों में श्रद्धालुओं का भीड़ देखा गया. अनुमंडल के विश्व प्रसिद्ध बंशीधर मंदिर, बांकी नदी के तट पर स्थित पंचमुखी शिव मंदिर, भवनाथपुर मोड़ स्थित हनुमान मंदिर, हेन्हो मोड़ स्थित शिव व दुर्गा मंदिर, अहिरपुरवा ग्राम स्थित काली मंदिर, प्रखंड परिसर स्थित शिव मंदिर, पाल्हे कला स्थित आशुतोष शिव मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही.