कांडी: प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बदहाल बनी हुई है़ डेढ़ लाख की आबादी के इलाज के लिए इस अस्पताल में न तो पर्याप्त स्टाफ है और न ही किसी तरह की जन सुविधाएं. इस कारण यहां इलाज से लेकर प्रसव तक ठीक से होना मुश्किल है़ मंगलवार को प्रखंड 20 सूत्री समिति के अध्यक्ष रामलाला दुबे, सदस्य लखन चंद्रवंशी व स्थानीय मुखिया विनोद प्रसाद ने अस्पताल की स्थिति का मौके पर जायजा लिया़ इस दौरान अस्पताल के ओपीडी में डॉ गौरव विक्रम मरीजों का इलाज कर रहे थे़.
उन्होंने कहा कि वे यहां अकेले डॉक्टर हैं, इसी तरह यहां कार्य कर रही इकलौती एएनएम के अलावा एक एमपीडब्ल्यू, एक हेल्थ एजुकेटर व एक लैब टेक्नीशियन ही पदस्थापित है़ जबकि कॉन्ट्रैक्ट पर दो कक्ष सेवक रखे गये है़ं मौके पर मौजूद कर्मियों ने कहा कि तीन करोड़ की लागत से नवनिर्मित अस्पताल भवन में आज तक शौचालय, पीने का पानी, बिजली कुछ नहीं है़.
शौचालय व यूरिनल के बिना महिला मरीजों को विशेष कठिनाई होती है़ बिजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण रात में ढिबरी या टॉर्च के प्रकाश में डिलेवरी नहीं ही कराया जा सकता है़ समस्या यहीं तक समाप्त नहीं होती नया भवन होने के बावजूद इसके छत से पानी टपकता है़ इन्हीं समस्याओं के कारण अगस्त 2016 में ही भवन हैंडओवर होने के बाद भी ओपीडी पिछली गरमी में शुरू किया गया़ इस अस्पताल का ओपीडी सुबह नौ बजे से तीन बजे दिन तक – मात्र छह घंटे के लिए ही खुलता है़ इसके आगे पीछे मरीजों का जीना मरना झोला छाप पर निर्भर है़ यही कारण है कि कांडी में दो दर्जन इस तरह के क्लिनिक फल फूल रहे है़ं अस्पताल कर्मियों ने मुखिया विनोद प्रसाद से कहा कि वे बेहद कठिन परिस्थिति में काम कर रहे हैं, कमसे कम दो सोलर लाइट व एक चापाकल भी लगा दिया जाये तथा शौचालय व यूरिनल बनवाने की मांग रखी़