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गुड़ाबांदा : बिजली कटने पर अंधेरे में रहती हैं 350 छात्राएं

गुड़ाबांदा झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय में सुविधाओं का अभाव, बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं, पढ़ाई हो रही प्रभावितपहाड़ी क्षेत्र में स्थित स्कूल में सांप, बिच्छू का रहता है खतरा- विद्यालय शिफ्ट हुए 10 माह से अधिक हो गये, सुविधाएं नहीं मिलीं

गुड़ाबांदा. गुड़ाबांदा प्रखंड के झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय, ज्वालकाटा की शुरुआत जुलाई, 2023 में हुई थी. करीब एक साल बाद भी जेनरेटर की व्यवस्था नहीं की गयी है. ऐसे में बिजली कटने पर छात्राओं को अंधेरे में रहने को बाध्य होना पड़ता है. बिजली का दूसरा विकल्प नहीं है. इससे पढ़ाई भी बाधित होती है. गर्मी में रात को बिजली कटने पर सोने में परेशानी होती है. विद्यालय में कक्षा छह से 12वीं तक की पढ़ाई होती है. यहां 350 गरीब छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. अभी गर्मी के दिनों में सर्पदंश का खतरा रहा है. ऐसे में बच्चे अंधेरे में रहते हैं. यह क्षेत्र पहाड़ी इलाका है. अंधेरे में रहना मुश्किल है. यहां विद्यालय शिफ्ट हुए 10 महीने पार हो चुके है, परंतु मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं हो पायी है.

जनप्रतिनिधियों ने सिर्फ आश्वासन दिया

इस विद्यालय का निरीक्षण सांसद विद्युत वरण महतो, घाटशिला विधायक रामदास सोरेन व बहरागोड़ा विधायक समीर कुमार मोहंती कर चुके हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, पर आजतक नहीं हुआ. अभिभावकों ने कहा विद्यालय और छात्रावास तो है, पर सुविधाओं की घोर कमी है. सरकार को इस तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए. बच्चियों को पढ़ाई के लिए बेहतर संसाधन व माहौल देना सरकार की जिम्मेवारी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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