गालूडीह. मुख्य बायीं नहर व बराज डैम का निरीक्षण
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दो लापरवाह एइ का प्रशासक ने वेतन रोका
गालूडीह. मुख्य बायीं नहर व बराज डैम का निरीक्षण गालूडीह बायीं नहर बहरागोड़ा तक 65 किमी बननी है,साठ प्रतिशत हुआ है काम सात किमी नहर में दस दिनों के अंदर ट्रॉयल में पानी छोड़ने का दिया आदेश गालूडीह : सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के प्रशासक ब्रज मोहन राम ने बुधवार को गालूडीह बराज डैम और मुख्य […]
गालूडीह बायीं नहर बहरागोड़ा तक 65 किमी बननी है,साठ प्रतिशत हुआ है काम
सात किमी नहर में दस दिनों के अंदर ट्रॉयल में पानी छोड़ने का दिया आदेश
गालूडीह : सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के प्रशासक ब्रज मोहन राम ने बुधवार को गालूडीह बराज डैम और मुख्य बायीं नहर का सात किमी तक निरीक्षण किया. बायीं नहर गालूडीह शून्य किमी से बहरागोड़ा तक 65 किमी तक बननी है. करीब साठ प्रतिशत काम हुआ है. शून्य किमी पर बनी नहर में मिट्टी भर जाने से प्रशासन ने बराज डिवीजन के दो सहायक अभियंता प्रमोद कुमार सिन्हा और केशव यादव के वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया है.
काम करने वाली द्विवेणी कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मियों को भी सुधार करने का निर्देश दिया. प्रशासक ने बराज डिवीजन के कार्यपालक अभियंता अशोक दास से शून्य किमी से सात किमी तक बनी नहर की सफाई कराने और नहर के उपरी हिस्से में जंगल-झाड़ियों को हटवाने को कहा. प्रशासक ने बराज डैम के फाटक में चल रहे मरम्मत कार्य को भी देखा
और असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी जांच क्वालिटी कंट्रोल के मैकेनिकल विभाग से करायी गयी है या नहीं. नहीं करायी गयी है तो कराया जाय. निरीक्षण के बाद उन्होंने बराज के आइबी में अभियंताओं के साथ बैठक कर समीक्षा की. मौके पर बराज डिवीजन के इइ अशोक दास, एई केशव यादव, पीके सिन्हा, जेई सुरेंद्र महतो, कन्हाई राम, सतीश प्रसाद, कौशलेंद्र कुमार समेत ठेका कंपनी के संवेदक उपस्थित थे.
दस दिनों में बायीं नहर में ट्रायल के लिए छोड़ा जायेगा पानी: प्रशासक ने कहा कि गालूडीह बराज डैम से निकली मुख्य बायीं नहर 7.2 किमी तक बनी चुकी है. ट्रायल के लिए दस दिनों के अंदर इसमें पानी छोड़ा जायेगा. तब तक नहर में भरी मिट्टी हटा ले. साफ-सफाई करवा लें.
नहर का पानी माइक्रो लिफ्ट के माध्यम से जायेगा खेतों में:
मुख्य बायीं नहर के सात किमी के भीतर ही नहर की दोनों ओर 15 माइक्रो लिफ्ट का निर्माण किया गया है. पाइप भी बिछाये जा रहे हैं. प्रशासक ने कहा बायीं नहर का पानी माइक्रो लिफ्ट के माध्यम से खेतों तक पहुंचाया जायेगा. जहां माइक्रो लिफ्ट बनाया गया है. वहां किसानों की एक कमेटी गठित कर इसकी जिम्मेवारी सौंपी जायेगी. दस दिनों में नहर में पानी छोड़ कर ट्रायल करने का निर्देश उन्होंने अभियंताओं को दिया. प्रशासन ने माइक्रो लिफ्ट के आस पास पौधा रोपन की बात भी कही.
2019 तक काम पूरा होगा संभावना कम
प्रशासक ने कहा जो स्थिति है इससे नहीं लगता है 2019 तक परियोजना के काम पूर्ण होगा. काम के प्रति अभियंता और ठेकेदार लापरवाह है. एक तरफ काम हो रहा तो दूसरी तरफ खामियां भी लगातार सामने आ रही है. सुधार में समय जाया हो रहा है. पर कोशिश जारी है. काम हर हाल में पूर्ण होंगे.
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