रातभर हाथियों को गांव से दूर भगाने में 8 गांव के लोग जुटे, विभाग भी रहा शामिल
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लोगों ने हाथियों को जंगल में खेदड़ा
रातभर हाथियों को गांव से दूर भगाने में 8 गांव के लोग जुटे, विभाग भी रहा शामिल घाटशिला : घाटशिला प्रखंड की कालचिती पंचायत के मकड़ा गांव में दूसरे दिन शुक्रवार को भी हाथियों ने उत्पात मचाया. हाथियों को भगाने के लिए आठ गांवों के ग्रामीण वन विभाग के साथ जुटे हैं. शुक्रवार की सुबह […]
घाटशिला : घाटशिला प्रखंड की कालचिती पंचायत के मकड़ा गांव में दूसरे दिन शुक्रवार को भी हाथियों ने उत्पात मचाया. हाथियों को भगाने के लिए आठ गांवों के ग्रामीण वन विभाग के साथ जुटे हैं. शुक्रवार की सुबह दस बजे तक हाथियों को भगाने में ग्रामीण जुटे रहे. इसके बाद हाथी एदेलबेड़ा जंगल में प्रवेश कर गये. बुरुडीह के आसपास ग्रामीणों ने लगभग रात 9 बजे टिकरी पहाड़ से हाथियों के दल को उतरते देखा. यहां से हाथी कालचिती होते हुए मकड़ा गांव में प्रवेश कर गये.
इसकी सूचना बुरूडीह वन समिति के अध्यक्ष जोसेफ मुर्मू ने वन विभाग के रेंजर सुशील कुमार वर्मा व वनपाल पवन सिंह को दी. रात में वनपाल गार्ड के साथ बुरुडीह पहुंचे. वनपाल और गार्ड वन सुरक्षा समिति के साथ हाथियों को भगाने में जुटे हैं. मकड़ा से हाथियों का दल अभी तक नहीं हटा है. सुबह छह बजे से मकड़ा, एदेलबेड़ा, बांधडीह, छत्रडांगा के ग्रामीण हाथियों को भगाने में जुटे हैं. मकड़ा से ग्रामीणों ने हाथियों को भगाना शुरू किया, तो हाथी एदेलबेड़ा पहाड़ में प्रवेश कर गये. इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. मुखिया प्रतिनिधि मोसो सोरेन ने बताया कि हाथियों के दल में लगभग 20 से 25 हाथी शामिल हैं. दल में हाथियों के चार छोटे बच्चे भी हैं.
चेकाम : 2016 में हुई थी हाथी के बच्चे की मौत
घाटशिला रेंज के चेकाम पहाड़ पर 21 अप्रैल 2016 को हाथी के एक बच्चे की प्यास से मौत हुई थी. चेकाम के आसपास के ग्रामीण एक वर्ष से चेकाम, जामबाद और पुनगोड़ा के आसपास के पहाड़ों के नीचे बृहत जलाशय की मांग करते आ रहे हैं. चेकाम डैम के अंदर से मिट्टी काट कर डैम की सफाई की मांग कर रहे हैं. लेकिन इस मामले में जन प्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि और वन विभाग सहित अन्य विभाग ध्यान नहीं दे रहा है. बृहत जलाशय की मांग पर वन विभाग मौन है.
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