बहरागोड़ा : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संसोधन के खिलाफ रविवार को बहरागोड़ा के नेताजी शिशु उद्यान में झामुमो का विस स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. शिविर का उदघाटन विधायक कुणाल षाड़ंगी और केंद्रीय सदस्य गुरुचरण मुर्मू ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. शिविर में मुख्य अतिथि झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 1928 में पूरे देश में भाषा, संस्कृति के नाम पर राज्य का विभाजन हो रहा था.
उस वक्त जयपाल सिंह मुंडा ने झारखंड राज्य अलग करने की मांग की थी. बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हु जैसे महापुरुषों की शहादत के बाद झारखंड राज्य का गठन हुआ. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किये गये संसोधन के खिलाफ हमें एकजुट होने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य में कुछ गद्दार घुस आये हैं. भाजपा सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संसोधन कर स्थानीय मूलवासी और आदिवासियों को बेसहारा करना चाहती है. झारखंड राज्य सैरात में नहीं मिला है. इसके लिए संघर्ष करना पड़ा है. हमें जल, जंगल और जमीन की लड़ाई फिर से लड़नी होगी.
कार्यकर्ता इसकी जानकारी ग्रामीणों को दें और सरकार के खिलाफ एकजुट होने की अपील करें. मौके पर संविधान विशेषज्ञ मुकेश बिरूआ ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट की धाराओं की विस्तृत जानकारी दी. शिविर को चाकुलिया नगर पंचायत के अध्यक्ष श्रीनाथ मुर्मू, जिप सदस्य शिव चरण हांसदा, सत्यवान नायक, अर्जुन पूर्ति, ऐलिश मांडी, आदित्य प्रधान, गोपन परिहारी, प्रमुख शास्त्री हेंब्रम, गुरू चरण मांडी, साहेब राम मांडी, ललित मांडी, शुभेंदु महतो, मनोरंजन महतो आदि ने भी संबोधित किया.
इस अवसर पर निर्मल दुबे, नव कुंवर, रंजीत सीट, यादु सोरेन, बबलू साव, राहुल वाजपेयी, अभिजीत दास, शिबू प्रधान, अरूण पैड़ा, शंकर हलदर समेत अन्य उपस्थित थे. संचालन असित मिश्रा और धन्यवाद ज्ञापन जीत वाहन राउत ने किया. शिविर में दो कार्यकर्ताओं ने झामुमो का दामन थामा. सुप्रिय भट्टाचार्य और कुणाल षाड़ंगी ने अन्य दल से आये कुंज कर और सुकसारन दलाई का पार्टी में स्वागत माला पहना कर किया.
सीएनटी एक्ट में संशाेधन को लेकर सरकार पर किया हमला
सरकार ने संविधान का अपमान किया है: विधायक
शिविर में विशिष्ट अतिथि विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संसोधन के खिलाफ तीन बार सदन को चलने नहीं दिया गया है. सदन में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में एक्ट के खिलाफ आवाज उठनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आदिवासी-मूलवासियों की जमीन हड़पनी चाहती है. कार्यकर्ता विभिन्न चौक-चौराहा, गांव और पंचायत मंडप में बैठक कर इसकी जानकारी ग्रामीणों को दें. विधायक ने कहा कि सरकार ने सिर्फ एक्ट को नहीं बदला बल्कि संविधान का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में युवा पीढ़ी आप सभी को धिक्कारेगी. इसलिए सभी कार्यकर्ता जमीन की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो जायंे.