घाटशिला : मऊभंडार कारखाना के मुख्य द्वार पर विधायक रामदास सोरेन की आर्थिक नाकेबंदी और धरना के भय से ठेका कर्मी काम पर नहीं जा रहे हैं. नतीजतन कारखाना में उत्पादन ठप हो गया. कारखाना की चिमनियों से धुआं निकलना भी बंद हो गया है.
इधर बुधवार को धरना स्थल पर विधायक ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले छह माह में कंपनी से 76 कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति हुई. सेवानिवृत्त कर्मचारियों की जगह अगर कंपनी प्रबंधन ठेका मजदूरों से काम करा रहा है, तो जवाब दे. अगर झारखंड सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की जगह ठेका मजदूरों से काम लेने की अनुमति कंपनी को दी है, तो वे अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी और धरना वापस ले लेंगे.
उन्होंने कहा कि गुरुवार की शाम तीन बजे उपायुक्त की पहल पर चाईबासा के एएलसी, जमशेदपुर के डीएलसी, धनबाद के आरएलसी व फैक्टरी इंस्पेक्टर संग वार्ता होगी. जिसमें संतोषजनक निर्णय होता है, तो अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी व धरना कार्यक्रम वापस होगा व कारखाना गेट के पास से टेंट हटेगा, अन्यथा टेंट गड़ा रहेगा और वे धरना पर बैठे रहेंगे.